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परीक्षा पर चर्चा देखने को बेताबी, स्कूलों में हुए इंतजाम : फोटो

बोर्ड परीक्षाओं से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्ष

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:10 AM (IST)
परीक्षा पर चर्चा देखने को बेताबी, स्कूलों में हुए इंतजाम : फोटो
परीक्षा पर चर्चा देखने को बेताबी, स्कूलों में हुए इंतजाम : फोटो

एटा, जागरण संवाददाता : बोर्ड परीक्षाओं से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम को देखने के लिए विद्यार्थियों में भी बेताबी है। प्रधानमंत्री परीक्षा में सफलता के क्या-क्या मंत्र देंगे और उनके द्वारा विद्यार्थियों के सवालों का क्या जवाब दिया जाएगा यह बात संचार माध्यमों से रूबरू होने वाले विद्यार्थियों में भी है। रविवार को अवकाश के बावजूद सोमवार को परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम स्कूलों में दिखाने के लिए जिम्मेदार इंतजामों में जुटे रहे। उधर शिक्षा विभाग ने भी प्रसारण दिखाने के बाद फोटो और विद्यार्थियों की उपस्थिति की रिपोर्ट मांगी है।

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सोमवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक तालकटोरा स्टेडियम से सीधे कार्यक्रम का प्रसारण होगा। शासन के निर्देशों के अनुरूप जिले के माध्यमिक स्कूलों, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों, जूनियर हाईस्कूलों सहित आइएसई, सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में भी प्रसारण दिखाने की तैयारियां की गई हैं। छुट्टी के दिन भी पहले से ही लाइव दिखाने के लिए इंटरनेट, टीवी सेट, प्रोजेक्टर आदि की व्यवस्थाएं अपडेट की गईं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षकों ने टीवी सेट या फिर लेपटॉप का इंतजाम किया है। उधर डीआइओएस व बीएसए ने सभी स्कूलों को परीक्षा पर चर्चा का लाइव प्रसारण दिखाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, यू-ट्यूब चैनल व अन्य साइटों का ब्यौरा उपलब्ध करा दिया। कार्यक्रम समाप्ति के बाद विभाग ने रिपोर्ट देने को भी कहा है। मोदी से मन की बात

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प्रधानमंत्री से मैं जानना चाहूंगा कि आज की परीक्षा पद्धति में कुछ अंकों से विद्यार्थी की बुद्धिमत्ता और संपूर्ण कौशल को माप लिया जाता है, जबकि मेरी समझ में ऐसा संभव नहीं है। क्या वर्तमान परीक्षा प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता नहीं है।

- अंशुल यादव गांधी जी ने कहा था कि हमें अपनी संस्कृति, महापुरुषों आदि को अंग्रेजी भाषा के माध्यम से पढ़ाया जाना चाहिए। जबकि आज हम हिदी में देश को और अंग्रेजी में विदेशों को पढ़ते हैं। आखिर गांधी जी के देश में इस तरह की व्यवस्था क्यों है।

- श्वेता मेरे सवाल के साथ ही प्रधानमंत्री से अनुरोध यह है कि शिक्षा एवं विषय को लेकर शुरूआत से ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पढ़ाई-लिखाई सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही सीमित न हो बल्कि उसके द्वारा रोजगारपरक एवं आधुनिक लाभ भी मिलें।

- कार्तिकेय अग्रवाल हिदी हमारी मातृभाषा है फिर भी हमारे देश का रुख अंग्रेजी की ओर बढ़ता जा रहा है। जबकि चीन आदि अन्य देशों में अधिकतर कार्य उनकी अपनी राष्ट्रभाषा में ही किया जाता है। डिजिटल इंडिया में भी हिदी कम अंग्रेजी का ही प्रयोग ज्यादा है। कुछ बदलाव सरकार करेगी क्या।

- हर्ष कुमार मेरा सवाल बहुत आसान है कि हम आज भी अपनी शिक्षा पद्धति पुराने पाठ्यक्रमों और विषयों पर आधारित हैं। उन्हीं को पसंद करते हैं, जबकि आवश्यकता है कि आज की शिक्षा एवं विषय, छात्र की कुशलता और निपुणता प्रेरक होने चाहिए।

- ईशी वर्मा जानना चाहूंगा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था और परीक्षा पद्धति पूर्ण रूप से वैदिक शिक्षा पद्धति से विपरीत है, जबकि लेखन में आज भी वैदिक शिक्षा पद्धति की सराहना करते हैं। क्या हम आज की शिक्षा पद्धति में बदलाव नहीं कर सकते।

- विकास कुमार


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