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गांव की सरकार: आधे हैंडपंप हांफे, पाइप लाइन भी प्यासी

चमकरी में चोक नालियों की खुद सफाई करने को मजबूर ग्रामीण खारे पानी की भी समस्या

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 06:32 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 06:32 AM (IST)
गांव की सरकार: आधे हैंडपंप हांफे, पाइप लाइन भी प्यासी
गांव की सरकार: आधे हैंडपंप हांफे, पाइप लाइन भी प्यासी

जासं, एटा: शीतलपुर विकास खंड की ग्राम पंचायत चमकरी में सबसे बड़ी जनसमस्या पेयजल से जुड़ी है। सार्वजनिक स्थानों पर लगे आधे हैंडपंप खराब पड़े हैं। 18 साल पहले ओवरहेड टैंक से मीठा पानी ग्रामीणों के घरों तक पहुंचने के लिए पाइप लाइन बिछायी गई थी, लेकिन अब तक चालू नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं सफाईकर्मी की मनमानी के चलते सफाई भी नहीं हो पा रही है। ग्रामीण नालियों से कीचड़ खुद निकालने के लिए विवश हैं।

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शहर से पांच किलोमीटर दूर आगरा रोड के किनारे बसे गांव चमकरी में मंगलवार सुबह जागरण टीम पहुंची तो लोगों ने जनसमस्याओं को गिनाना शुरू कर दिया। सबसे बड़ा संकट पेयजल को लेकर है। गांव में 24 हैंडपंप हैं। इनमें से 12 खराब हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जो सही भी हैं उनमें खारा पानी निकल रहा है। इससे ग्रामीणों को प्यास बुझाना मुश्किल हो रहा है। आर्थिक रूप से संपन्न ग्रामीण निजी सबमर्सिबल और हैंडपंप से पानी देकर मदद कर रहे हैं। सफाई कर्मचारी की मनमानी भी लोगों पर भारी पड़ रही है। नालियां ओवरफ्लो हैं। सोलर लाइटें दिन में जलती हैं, लेकिन रात में नहीं। इसका कारण यह है कि ज्यादातर बैटरी खराब है। कुछ की बैटरियां गायब हो गई हैं।

नालियों का सही तरीके से निर्माण भी नहीं कराया गया है। इससे गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। बारिश में हालात बहुत खराब रहते हैं। पुरानी ईंटों से कई गलियों में खडं़जा कराया गया है, जबकि अन्य जगहों पर सीसी मार्ग तैयार कराए गए हैं।

नत्थू सिंह नदी की तरफ जाने वाला मार्ग कच्चा है। इस पर बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या रहती है। खेतों तक पहुंचने के लिए इस मार्ग का सभी ग्रामीण उपयोग करते हैं, मगर इसे पक्का नहीं कराया गया।

भरत सिंह मनरेगा में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं कराया गया है। इससे बहुत कम लोगों को गांव में रोजगार मिला है। गांव में लगे अधिकांश हैंडपंप खराब हैं। खेतों की सिचाई के लिए नहर से पानी की आपूर्ति की व्यवस्था नहीं कराई गई है।

धर्मेंद्र सिंह

ग्राम पंचायत में अधिकांश काम कागजों पर ही कराए गए हैं। खराब पड़े हैंडपंप और लाइटों को ठीक नहीं कराया गया है। अपने खेतों की कीमत बढ़ाने के लिए नहर की पटरी पर खड़ंजा कराया गया है, जबकि गांव में कच्चे मार्ग को ठीक नहीं कराया गया है। अधिकांश लोगों के शौचालय आधे-अधूरे तैयार हुए हैं। कई लोग बजट न मिलने के कारण लोग शौचालय का निर्माण नहीं करा सकें। विकास कार्य पक्षपात करते हुए कराए गए हैं। नालियों की समुचित तरीके से सफाई नहीं कराई जा रही है।

इंद्रवती, पंचायत चुनाव में दूसरे स्थान पर रहीं।

ग्राम पंचायत में बिना भेदभाव के सभी विकास कार्य कराए गए हैं। कच्चे मार्गों को पक्का कराने के लिए प्रयास किया गया। ओवरहेड टैंक से पेयजल सप्लाई के लिए सिचाई और नलकूप विभाग के अधिकारियों से प्रस्ताव तैयार कराया गया है। सभी पात्र लोगों को आवास और शौचालय की सुविधा दी गई है। किसानों को किसान सम्मान निधि और पेंशन दिलाई गई है। खराब लाइट और हैंडपंपों को ठीक कराया गया है।

मुकेश कुमार, ग्राम प्रधान चिलासनी। प्रमुख समस्या:

- मीठे पानी के लिए व्यवस्था नहीं

- ग्राम पंचायत में पंचायत भवन नहीं

- अधिकांश सोलर लाइट खराब

- नीची गलियों में जलभराव 3000-कुल आबादी

1900-कुल वोटर

1300-कुल पुरुष वोटर

600-कुल महिला वोटर

200-व्यक्तिगत शौचालय

50-लोगों को पेंशन

80-लोगों को किसान सम्मान निधि


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