राष्ट्रीय शिक्षा नीति से बदला प्रश्न पत्रों का प्रारूप
अब कक्षा नौ की परीक्षा में ओएमआर शीट निर्धारित समय पर ही अपलोड करने होंगे अंक
जासं, एटा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षाओं का प्रारूप बदल दिया है। अब कक्षा नौ की परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए ओएमआर शीट भी उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा कक्षा नौ व 11 की अर्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षाओं के अलावा हाईस्कूल तथा इंटरमीडिएट के प्री बोर्ड को लेकर भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।
यहां बता दें कि यूपी बोर्ड द्वारा शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए अब प्रश्नपत्रों के प्रारूप बदलने पर मुहर लगा दी है। बदले प्रारूप के अंतर्गत कक्षा नौ की वार्षिक तथा अर्धवार्षिक परीक्षा में 70 अंक की लिखित परीक्षा रहेगी। 70 अंक के प्रश्न पत्र में 20 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, जिन्हें हल करने के लिए ओएमआर शीट दी जाएगी। 50 अंक के वर्णनात्मक प्रश्न होंगे। पूरे सत्र में 30 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। इस तरह प्रत्येक विषय में वार्षिक मूल्यांकन 170 अंक के आधार पर किया जाएगा।
उधर, हाईस्कूल के लिए नवंबर में अर्धवार्षिक परीक्षा भी प्रत्येक विषय में 70 अंक की होगी। वहीं फरवरी में प्री बोर्ड परीक्षा को लिखित में कराया जाएगा। आंतरिक मूल्यांकन के 30 अंक रहेंगे। नई व्यवस्था के अनुरूप स्कूलों को हर परीक्षा के अंक निर्धारित समय तक बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। यह रहेगा परीक्षाओं का समय
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निर्देशों के तहत अर्धवार्षिक परीक्षा की प्रयोगात्मक परीक्षाएं नवंबर के द्वितीय सप्ताह तक तथा लिखित परीक्षाएं प्रति सप्ताह तक करानी होगी। अर्धवार्षिक परीक्षा की प्राप्त अंकों को बोर्ड की वेबसाइट पर दिसंबर के द्वितीय सप्ताह तक अपलोड कराना आवश्यक होगा। शिक्षा सत्र में सभी माध्यमिक कक्षाओं के लिए शिक्षण आनलाइन तथा आफलाइन 15 जनवरी तक होगा। प्री बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 24 से 31 जनवरी तथा प्री बोर्ड की लिखित परीक्षा तथा कक्षा नौ व 11 की वार्षिक गृह परीक्षा फरवरी के प्रथम सप्ताह से होंगी। इसी क्रम में प्री बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांक तथा गृह परीक्षाओं के अंकों को फरवरी के प्रति सप्ताह तक बोर्ड की साइट पर अपलोड करना हर स्कूल के लिए अनिवार्य होगा। -माध्यमिक शिक्षा परिषद ने परीक्षाओं के प्रारूप में परिवर्तन किया है। इस सत्र की सभी परीक्षाएं निर्देशों के अनुरूप होगी। खास बात यह है कि साल भर का परीक्षा कार्यक्रम समय बंद रहेगा और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- मिथिलेश कुमार, डीआइओएस एटा