बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर बनेंगे विश्वविद्यालय परीक्षा केंद्र
एटा, जासं। परीक्षाओं में सुधार की प्रक्रिया हर स्तर की शिक्षा के लिए दिखाई दे रही है। जहां बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए शासन द्वारा मानकों के आधार पर निर्धारण किया गया। इस बार विश्वविद्यालयी परीक्षाएं कराने के लिए के लिए भी बोर्ड परीक्षा की ही तरह महाविद्यालयों को मानकों की कसौटी पर कसा जाएगा।
एटा, जासं। परीक्षाओं में सुधार की प्रक्रिया हर स्तर की शिक्षा के लिए दिखाई दे रही है। जहां बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए शासन द्वारा मानकों के आधार पर निर्धारण किया गया। इस बार विश्वविद्यालयी परीक्षाएं कराने के लिए के लिए भी बोर्ड परीक्षा की ही तरह महाविद्यालयों को मानकों की कसौटी पर कसा जाएगा।
जिस तरह बोर्ड परीक्षा केंद्रों के निर्धारण में स्कूल स्तर पर कैमरे सहित फर्नीचर, क्षमता, पेयजल, प्रकाश, शौचालय के अलावा डेढ़ दर्जन से ज्यादा ¨बदुओं पर गौर किया जाता है। ठीक इसी तरह हाल ही में नोडल केंद्र प्रभारियों की विश्वविद्यालय स्तर पर हुई बैठक में स्पष्ट किया गया कि इस बार जो भी केंद्र बनें उनके मानक निर्धारित ¨बदुओं पर जरूर परख लिए जाएं। पिछले साल से विश्वविद्यालय परीक्षाओं में भी स्वकेंद्र व्यवस्था नोडल केंद्रों को छोड़कर ज्यादातर स्ववित्तपोषित कॉलेजों के लिए समाप्त कर दी गई है। ऐसे में नकलविहीन व व्यवस्थित परीक्षाओं के लिए पूर्ण मानक वाले स्ववित्तपोषित कॉलेजों को ही केंद्र बनाए जाने पर जोर है।
यहां बता दें कि अब तक तमाम महाविद्यालय संचालक विश्वविद्यालय स्तर पर अपनी से¨टग कर केंद्रों का निर्धारण कर लेते, लेकिन अब जिले के नोडल केंद्र प्रभारी की भूमिका भी निर्धारण में अहम होगी। यहां बता दें कि जिले में जेएलएन पीजी कॉलेज एटा, राजकीय महाविद्यालय जलेसर तथा जनता इंटर कॉलेज परसोंन नोडल केंद्र हैं। अब इनके अधीन महाविद्यालयों में परीक्षार्थियों की संख्या के अनुरूप केंद्र बनाने के लिए रिपोर्ट जिसमें महाविद्यालयों में मानकों की स्थिति के आधार पर ग्रे¨डग कर विश्वविद्यालय को अवगत कराया जाएगा। इसके बाद ही केंद्र तय किए जाएंगे। जेएलएन कॉलेज के प्राचार्य डा. अनिल कुमार सक्सेना ने बताया है कि इस बार केंद्रों का निर्धारण बेहतर ढंग से होगा।