Move to Jagran APP

जिला अस्पताल में एआरवी खत्म

कुत्ते और बंदरों से काटे जाने की स्थिति में रेबीज से बचने के सरक

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 10:45 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 06:09 AM (IST)
जिला अस्पताल में एआरवी खत्म
जिला अस्पताल में एआरवी खत्म

एटा, जागरण संवाददाता: कुत्ते और बंदरों से काटे जाने की स्थिति में रेबीज से बचने के सरकारी इंतजाम फिर लाचार हो गए हैं। जिला अस्पताल में एआरवी (एंटी रेबीज वैक्सीन) हफ्तेभर पहले खत्म हो चुकी हैं। मांग के बावजूद शासन से आपूर्ति नहीं भेजी जा रही। उधर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कोटा समाप्ति के कगार पर है।

loksabha election banner

कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि जानवरों के काटने पर रेबीज बीमारी होने का खतरा रहता है। जिसका इलाज बेहद जटिल है। इस फैलने से रोकने के लिए जानवर से काटने के बाद एआरवी इंजेक्शन लगाया जाता है। बाजार में इसकी कीमत 300 रुपये से अधिक है। जबकि सरकारी अस्पतालों में यह निश्शुल्क लगाया जाता है। जिसके चलते गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लोग खासी संख्या में इन अस्पतालों में पहुंचते हैं। सबसे अधिक खपत जिला अस्पताल में होती है। यहां हर दिन सौ से अधिक लोगों को इंजेक्शन लगाए जाते हैं। अस्पताल को इस वित्त वर्ष में यहां अभी तक 4860 वायल प्राप्त हुईं। जिनसे 19440 इंजेक्शन लगाए गए। 6 दिसंबर को स्टॉक खत्म हो गया। कमरा नंबर 40 में बने एआरवी इंजेक्शन रूम में वैक्सीन समाप्ति का नोटिस लगा दिया गया है। जिसे देखकर लोग मायूस लौट रहे हैं। चीफ फार्मेसिस्ट नरेश शाक्य ने बताया कि दो बार लखनऊ स्थित ड्रग कारपोरेशन को सूचना भेजी जा चुकी है, आपूर्ति का इंतजार है।

सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी हालात अच्छे नहीं हैं। चार सामुदायिक और पांच प्राथमिक अस्पतालों में यह वैक्सीन लगाई जाती है। इन्हें इस वित्त वर्ष में 4800 वायल शासन से भेजी गईं। जो समाप्त होने की स्थिति में हैं। यहां चीफ फार्मेसिस्ट राजेंद्र सिंह ने बताया कि 10 हजार वायल की मांग नवंबर में भेजी गई थी। दो बार रिमाइंडर दिया जा चुका है। जल्द आपूर्ति न मिली तो स्वास्थ्य केंद्रों पर वैक्सीन खत्म हो जाएगी।

वर्जन

-------

एआरवी की कमी को लेकर शासन स्तर पर जानकारी देकर लगातार वार्ता की जा रही है। बताया गया है कि जल्द ही इसकी आपूर्ति जिले को भेजी जाएगी।

- डॉ. अजय अग्रवाल, सीएमओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.