नगर पालिका का ही टॉयलेट रह गया अधूरा
पालिका पूरे शहर में लोगों के व्यक्तिगत टॉयलेट के अलावा सामुदायिक
एटा, जागरण संवाददाता : पालिका पूरे शहर में लोगों के व्यक्तिगत टॉयलेट के अलावा सामुदायिक और सार्वजनिक टॉयलेट बनवा रही है। जिससे लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो। लेकिन चिराग तले अंधेरे की तरह पालिका परिसर में ही टॉयलेट नहीं है। एक टॉयलेट का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन यह अधूरा पड़ा है। कार्यदायी संस्था को भुगतान न मिलने के कारण काम और सुपुर्दगी रोक दी गई है। बिना टॉयलेट अधिकारी-कर्मचारियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व में पालिका परिसर में काफी पुराना शौचालय बना हुआ था। जिसका प्रयोग करना भी संभव नहीं होता था। सुविधा के मद्देनजर पिछले साल पालिका ने परिसर में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सामुदायिक शौचालय बनवाना शुरू किया। करीब साढ़े छह लाख रुपये से निर्माण होना था। पहली किश्त के रूप में ठेकेदार को करीब तीन लाख रुपये दे दिए गए। शौचालय का काम पूरा होने का आया, लेकिन दूसरी किश्त नहीं दी गई। जिसके चलते ठेकेदार ने काम रोककर हैंडओवर करने से इन्कार कर दिया। अब टॉयलेट में ताले पड़े हैं। जरूरत के समय कर्मचारी कभी घर तो कभी यहां से कुछ दूरी पर बने सार्वजनिक शौचालय की ओर दौड़ लगाते हैं।
पालिका में छह महिला अधिकारी-कर्मचारी
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यूं तो पालिका के सभी कर्मचारियों- अधिकारियों को टॉयलेट की जरूरत पड़ती है। लेकिन महिलाओं के मामले में समस्या ज्यादा रहती है। इस समय पालिका में कर निर्धारण अधिकारी और अवर अभियंता के अलावा चतुर्थ श्रेणी की चार महिला कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनके लिए टॉयलेट हरदम चुनौती का विषय रहता है।
शहर के ये टॉयलेट भी अधूरे
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पालिका परिसर के अलावा शहर के तीन और टॉयलेट में भी इसी तरह का पेच फंसा हुआ है। तहसील के पास, एटा क्लब और आगरा चुंगी पर सामुदायिक शौचालय बनकर लगभग तैयार हैं। लेकिन इन तीनों का भी भुगतान अटका हुआ है। जिसके चलते इन्हें हैंडओवर नहीं किया जा रहा।
वर्जन
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परिसर में बने सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य लगभग पूरा है। जल्द ही बकाया भुगतान कर इसे हैंडओवर करा लिया जाएगा।
- डॉ. दीप कुमार वाष्र्णेय, ईओ