40 लाख का खर्च फिर भी भटक रहे बुजुर्ग
जिला अस्पताल में बना है जेरियाट्रिक वार्ड साल भर बाद भी नहीं हो सका संचालन
जासं, एटा: जिला अस्पताल में 40 लाख रुपए खर्च कर जेरियाट्रिक वार्ड बनाया गया। इसमें वरिष्ठ नागरिकों के विशेष उपचार का प्रविधान है। वार्ड को बने साल भर बीत चुकी है, लेकिन अभी तक इसे संचालित नहीं किया गया है। बुजुर्ग मरीज अशक्त शरीर के साथ पंजीकरण कराने से लेकर दवा लेने तक धक्के खाने को मजबूर हैं।
राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के अंतर्गत अस्पताल परिसर के नेत्र रोग विभाग में 10 बेड के जेरियाट्रिक वार्ड की स्थापना की गई है। इसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के रोगियों को अलग से बाह्य रोगी विभाग की सेवाएं दी जाएंगी। अधिक बीमार रोगियों को भर्ती किया जाएगा। यहां पैथोलाजी लैब, वेंटीलेटर, कार्डियक मानीटर आदि की भी सुविधा होगी ताकि बुजुर्गों को भागदौड़ न करनी पड़े। वार्ड की मरम्मत, साज-सज्जा सहित यह सभी व्यवस्थाएं जुटाने में 40 लाख रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन अभी तक यह संचालित नहीं हो सका है। इसके पीछे शासन से स्टाफ न मिलने की वजह बताई जा रही है। एक नजर में
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40-लाख रुपये खर्च
10-बेड की रहेगी व्यवस्था
60-वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों को मिलेगा इलाज
02-फिजीशियन डाक्टर
01-फिजियोथेरेपिस्ट
06-स्टाफ नर्स
02-वार्ड ब्वाय
02-स्वीपर
01-लैब टेक्नीशियन
सांस फूलने और पैरों में दर्द की दवा लेने जिला अस्पताल आए हैं। कतारें देखकर हिम्मत नहीं पड़ी कि डाक्टर को दिखा सकेंगे। अगली बार थोड़ी जल्दी आएंगे, जिससे भीड़ कम मिले।
- महेंद्र सिंह, यादगारपुर आंखों की समस्या है। इसी की दवा लेने आए हैं। परचा बनवाने गए तो भीड़ बहुत ज्यादा थी। किसी तरह परचा बनवा लिया। अब चिकित्सक कक्ष के बाहर भीड़ से जूझना पड़ रहा है।
- नेत्रपाल, बापूनगर
जिला अस्पताल में जेरियाट्रिक वार्ड की स्थापना पूर्व में की जा चुकी है। इसके लिए अलग से मानव संसाधन देने की बात थी, जो अभी तक नहीं मिला है। उपलब्ध स्टाफ में से कुछ लोगों की ड्यूटी लगाकर इसे सक्रिय कराएंगे।
- अरविद कुमार गर्ग, सीएमओ