ओमिक्रोन का खतरा और वेंटिलेटर चलाने को नहीं स्टाफ
इस बार नहीं रहेगी आक्सीजन की कमी पर्याप्त मात्रा में चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ भी उपलब्ध
जासं, एटा: कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर भले ही स्वास्थ्य विभाग व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटा है, लेकिन सबसे बड़ी खामी यह है कि अगर वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी तो पर्याप्त स्टाफ मौजूद नहीं है। यहां वेंटिलेटर तो उपलब्ध हैं पर उन्हें चलाने वाला कोई नहीं है, हालांकि आक्सीजन की कमी नहीं है।
मेडिकल कालेज की एमसीएच विग में वार्ड की व्यवस्था है, लेकिन इसका इस्तेमाल तब किया जाएगा, जब चुरथरा, बागवाला के कोविड अस्पतालों में जगह नहीं होगी। इसलिए वहां बेड की संख्या बढ़ा दी गई है। चुरथरा का एल-1 अस्पताल कोविड के मरीजों के लिए रिजर्व कर दिया गया है। आवश्यकता पड़ी तो एमसीएच विग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी विग में पीकू वार्ड बनाया गया है जो बच्चों के लिए रिवर्ज है। प्रत्येक बेड पर वेंटिलेटर लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें आपरेट करने के सिर्फ तीन कर्मचारियों की ही नियुक्ति है। ऐसी स्थिति में अगर अधिक लोगों को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ जाए तो कर्मचारी नहीं मिलेंगे। हैरत की बात यह है कि तमाम मरीज अभी भी ऐसे आते हैं जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों का अभाव दिखाकर हाथ खड़े कर देता है।
मेडिकल कालेज के कर्मचारी इस सेवा के लिए गंभीर नहीं होते और मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। जिले में बाहर से आने वाले लोगों की जांच शुरू कर दी गई है। दर्जनभर जो विदेशी बाहर से आए थे उनकी भी जांच की गई थी, लेकिन गनीमत यह रही कि कोई भी कोरोना पाजिटिव नहीं निकला। जनपद में मेडिकल कालेज में ही 50 से अधिक डाक्टरों की नई नियुक्तियां हो चुकी हैं। पैरामेडिकल स्टाफ अलग से भर्ती कर लिया गया है। स्टाफ नर्स की भी कमी नहीं है। सीएमओ डा. उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना की संभावित लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है और सभी तरह की तैयारयां हर चुके हैं। विभाग किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। प्लांट के अलावा कंसंट्रेटर भी उपलब्ध
-कोरोना काल में आक्सीजन की भारी कमी थी, लेकिन अब आक्सीजन प्लांट के अलावा यहां कंसंट्रेटर भी उपलब्ध हैं। इस वजह से यह माना जा रहा है कि आक्सीजन की कमी इस बार नहीं रहेगी। स्वास्थ्य विभाग पहले से ही सभी तैयारी पूरी करने में जुटा है।