ग्राम पंचायत पर बनेंगे अस्थाई गोआश्रय स्थल
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गोवंश सुपुदर्गी में भी दिए जाएंगे
जासं, एटा: खेतों में नुकसान करने वाले गोवंश से जल्द ही किसानों को राहत मिलेगी। इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर एक गोआश्रय स्थल बनाया जाएगा। इनमें गोवंश को सुरक्षित कराकर उनकी देखभाल सचिव और ग्राम प्रधान के माध्यम से कराई जाएगी। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गोवंश सुपुदर्गी में भी दिए जाएंगे।
शहर, कस्बा से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक सड़क और खेतों में घूमते हुए गोवंश दिखाई दे रहे हैं। गोवंश किसानों की फसल नष्ट कर रहे हैं। इससे किसानों को काफी घाटा होता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की तरफ से नया कदम उठाया जा रहा है। अब ग्राम पंचायत स्तर पर अस्थाई गोआश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं। इससे पहले तहसील और ब्लाक पर गोशालाएं बनवाई गई थीं। ग्राम पंचायत पर मनरेगा के माध्यम से गोआश्रय स्थल तैयार होंगे। मनरेगा मजदूरों के माध्यम से जमीन समतलीकरण सहित अन्य काम किए जाएंगे, जबकि गोआश्रय में रहने वाले गोवंश के चारा, पानी सहित अन्य देखभाल करने की जिम्मेदारी पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान की होगी। ग्राम निधि की धनराशि गोवंश के देखभाल एवं खानपान में प्रयोग लाई जाएगी। वहीं एडीपीआरओ मनोज कुमार त्यागी ने बताया कि पंचायत पर अस्थाई गोआश्रय स्थल बनाने के लिए सचिव और प्रधानों को निर्देश दिए जा चुके हैं।