एटा में टीकाकरण नीति से नाखुश शिक्षक संगठन
जिले में 45 वर्ष आयु से कम के शिक्षकों को नहीं लगी डोज प्राथमिकता पर टीकाकरण कराने की उठाई मांग
जासं, एटा: पंचायत चुनाव के बाद जिले में दो दर्जन शिक्षकों की मौत तथा सैकड़ों शिक्षकों के संक्रमित होने के बाद भी प्रशासन ने टीकाकरण में उन्हें वरीयता नहीं दी है। ऐसी स्थिति को देख शिक्षक संगठनों ने टीकाकरण में सभी शिक्षकों को वरीयता देने की मांग की है।
पिछले कोरोना काल से शिक्षकों को राशन वितरण व्यवस्था के अलावा क्वारंटाइन सेंटरों सहित अन्य कोविड कार्यों में लगाया गया। इसके बाद पंचायत चुनाव और मतगणना कार्य में लगाया गया। इसके बावजूद 45 साल से अधिक आयु वाले शिक्षकों को ही टीकाकरण का लाभ दिया जा रहा है, जबकि 45 से कम उम्र वाले शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। हालातों के मद्देनजर अन्य तमाम सरकारी वर्ग के कर्मचारियों को शत-फीसद टीकाकरण से आच्छादित किया गया, लेकिन शिक्षकों के मामले में अब तक शासनादेश जारी नहीं किया गया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राकेश चौहान का कहना है कि सरकार जब टीकाकरण कराने पर जोर दे रही है तो फिर शिक्षकों के लिए किसी भी आयु वर्ग की बाध्यता खत्म करते हुए टीकाकरण कराए। शिक्षकों ने जब संक्रमण के हालात में पंचायत चुनाव ड्यूटी की इससे पहले ही टीकाकरण कराया जाता तो ऐसे हालात नहीं होते। उधर, माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने भी टीकाकरण में सभी शिक्षकों को छूट दिए जाने की मांग की है।