गल्ला मंडी में हड़ताल से करोड़ों का कारोबार ठप
मंडी सचिव के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे व्यापारी माल लेकर पहुंचे किसानों को व्यापारियों ने लौटाया
एटा, जासं। गल्ला मंडी में व्यापारियों की तुड़वाईं दुकानों के विरोध में मंडी दूसरे दिन भी बंद रही। व्यापारी दिनभर मंडी सचिव के दफ्तर के बाहर धरना देकर बैठे रहे। गल्ला आढ़तिया सचिव को हटाए जाने और दुकानें बनवाने की मांग पर अड़े हैं। हड़ताल से करोड़ों का कारोबार ठप है। वहीं मंडी सचिव दफ्तर नहीं आ रहे और न ही उनकी व्यापारियों से बातचीत हो रही है। सचिव पर तीन मंडियों का चार्ज है, जबकि नियुक्ति कासगंज में है।
मंडी समिति में गल्ला व्यापारियों की पांच दुकानों को अवैध बताते हुए मंगलवार को मंडी प्रशासन ने तोड़फोड़ कराई थी। इसका व्यापारियों ने कड़ा विरोध किया। व्यापारियों के तेवर देखते हुए मंडी प्रशासन बैक फुट पर आ गया। सांसद के हस्तक्षेप के बाद तोड़फोड़ तो रोक दी गई, मगर व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बंदी का एलान कर दिया। तभी से व्यापारी हड़ताल पर हैं। गुरुवार को सुबह से ही व्यापारी मंडी सचिव के दफ्तर के बाहर धरना देकर बैठ गए और घोषणा कर दी कि सचिव अगर आए तो उन्हें मंडी में नहीं घुसने देंगे। इस मुद्दे पर सभी व्यापारी एकजुट हैं। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता ने कहा कि प्रशासन व्यापारियों को कमजोर न समझे तथा मामले को लटकाने की कोशिश न करें वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन दुकानों का किराया वसूल रहा है तो फिर दुकानें अवैध कैसे हो गईं। मंडी अध्यक्ष प्रतीक गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, प्रशासन अविलंब दुकानें बनवाए और मंडी सचिव को हटाए तब आंदोलन खत्म होगा। अभी तो क्रमिक अनशन चल रहा है अगर आवश्यकता पड़ी तो भूख हड़ताल भी शुरू कर दी जाएगी। सड़क पर आने से भी नहीं हिचकेंगे। सतीश चंद्र गुप्ता, महेशचंद्र वर्मा, भाजपा नेता निर्मल धनगर, रत्नाकर गुप्ता, मनोज गुप्ता, राधाचरन, उमेश गुप्ता, राजेश गुप्ता, रामखिलाड़ी गुप्ता, विमल गुप्ता, संतोष गुप्ता, आनंद वर्मा, श्यामपाल यादव, आलोक गुप्ता, महेश गुप्ता, शिशुपाल सिंह यादव, प्रदीप यादव, आनंद यादव, अरविद यादव, क्षेत्रपाल यादव समेत तमाम व्यापारी मौजूद थे। दूसरी तरफ मंडी सचिव जगत सिंह ने बताया कि व्यापारियों की दुकानें अवैध थीं, इसलिए तुड़वाई गईं। मंडी प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन नहीं किया। प्रतिदिन पांच करोड़ का कारोबार प्रभावित:
मंडी समिति में हड़ताल के कारण हर रोज कम से कम पांच करोड़ रुपये का लेनदेन इस वक्त प्रभावित हो रहा है। मंडी अध्यक्ष का कहना है कि इस समय ऑफ सीजन है तथा खरीद कम हो रही है इस वजह से लेनदेन कम होता है। प्रशासन को भी राजस्व की हानि है। हड़ताल अगर लंबी चली तो और ज्यादा नुकसान होगा। हम सब न्याय के लिए लड़ते रहेंगे। यूं बना दुकानें तुड़वाने का प्लान:
मंडी समिति में दुकानें पूरे योजनाबद्ध तरीके से तुड़वाईं गईं। सोमवार की शाम मुनादी कराई गई कि अवैध कब्जे हटा लें दुकानें तुड़वाई जाएंगीं। तब यह नहीं बताया कि मंगलवार की सुबह कार्रवाई होगी। दूसरे दिन मंगलवार था। प्रशासन को यह भलीभांति पता था कि मंगलवार को बंदी रहती है लिहाजा व्यापारी नहीं होंगे। प्रशासन ने और ज्यादा सतर्कता बरतते हुए तोड़फोड़ के लिए सुबह नौ बजे का वक्त चुना ताकि इतनी जल्दी कोई व्यापारी मंडी में नहीं होगा। पुलिस फोर्स भी साथ था।