बूंदाबांदी संग शीतलहर ने छुड़ाई कंपकंपी
बुधवार को मौसम ने फिर पलटी मारी। सुबह से बूंदाबांदी शुरू हुई पूर
एटा, जागरण संवाददाता : बुधवार को मौसम ने फिर पलटी मारी। सुबह से बूंदाबांदी शुरू हुई पूरे दिन रुक-रुककर चलती रही। इसके साथ ही तेज गति से शीतलहर भी चलती रही। जिसके चलते ठंड बढ़ गई। लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई। सड़कों पर आवागमन कम रहा। दिन का न्यूनतम तापमान 11 और अधिकतम 17 डिग्री दर्ज किया गया।
बीती आधी रात के बाद से ही आसमान में छाए घने बादलों ने रंग दिखाना शुरू कर दिया था। रह-रहकर हल्की बारिश होती रही। सुबह लोग उठे तब भी बूंदाबांदी चल रही थी। जिसके चलते लोगों को मॉर्निंग वॉक व अन्य बाहर के काम स्थगित करने पड़े। बूंदाबांदी के साथ ही तेज रफ्तार में ठंडी हवाएं भी चल रही थीं। जिसके चलते ठंड का असर बीते दिन की अपेक्षा बढ़ गया। बूंदाबांदी और ठंड के चलते काफी कम छोटे बच्चे स्कूल जाते नजर आए। अधिकांश अभिभावकों ने बच्चों को भेजना उचित नहीं समझा। दफ्तर-बाजार खुलने के समय तक बूंदाबांदी लगभग बंद हो गई। जिससे लोग अपने-अपने कार्यों पर निकल पड़े। कुछ देर बाद फिर बूंदें पड़ना शुरू हो गईं। दोपहर के समय कुछ देर के लिए मौसम खुला। जिसके बाद बूंदाबांदी का सिलसिला फिर शुरू हो गया।
किसानों ने बताया खेती को अमृत
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इस बूंदाबांदी से किसान खुश हैं। खेती के लिए वह इस बरसात को अमृत बता रहे हैं। गांव पवांस के रघुवीर और नदगांव के राकेश ने बताया कि क्षेत्र में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल बोई गई है। इस समय की बरसात गेहूं की फसल बहुत उपयोगी है। इससे फसल की वृद्धि में बहुत मदद मिलेगी। वहीं अतिरिक्त सिचाई का खर्चा बचेगा। इसके अलावा सरसों, आलू, मटर की फसल भी हो रही है। किसी में भी हल्की बरसात से कोई नुकसान नहीं है। लेकिन बरसात तेज होती है या ओलावृष्टि हुई तो इन फसलों को भारी नुकसान पहुंचेगा।
कोहरे में बरतें यह सावधानियां
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- सड़क किनारे से थोड़ी दूरी बनाकर दाहिनी ओर ही चलें।
- मुड़ते समय इंडिकेशन जरूर दें, जहां अनुमति नहीं है वहां से यू टर्न न लें।
- संकेतकों को पूरी समझ रखें, जिससे चेतावनी आदि का पता लग सके।
- गाड़ी को चेक करने के बाद ही उसमें बैठे, कमी है तो पहले उसे सुधरवाएं।
- निर्धारित गति सीमा का पालन करें। सीट बैल्ट जरूर लगाएं।
- वाहन में फॉग लाइट हो, साथ ही इंडीकेटर सही तरह से काम कर रहे हों।
- लाइट जलाकर ही चलें, जिससे दूसरे वाहन चालक को जानकारी हो सके।
- दुपहिया वाहन पर तीन लोग सवारी न करें।
- बैठे हुए दोनों लोग हेलमेट जरूर लगाएं।
- कान में लीड लगाकर न चलें, न ही मोबाइल का प्रयोग करें।