शुल्क का ब्योरा देने से घबराए स्कूल
वर्ष 2015 से 2020 तक की देनी है रिपोर्ट बोर्ड परीक्षा फीस तथा पंजीकरण शुल्क का मामला
जासं, एटा: माध्यमिक शिक्षा परिषद के फरमान से स्कूलों को पसीना छूट रहा है। वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2020 तक बोर्ड परीक्षा शुल्क तथा पंजीकरण शुल्क से संबंधित मांगे गए ब्योरे को उपलब्ध कराने में स्कूल घबराहट महसूस कर रहे हैं। पूरे जनपद से अभी तक 47 स्कूलों ने ही ब्योरा दिया है।
बोर्ड स्तर पर वित्तीय मामलों को लेकर भी कड़ी निगरानी शुरू की गई है। पूर्व में तमाम स्कूल कम फीस जमा करते हुए भी ज्यादा परीक्षा फार्म और पंजीकरण फार्म भरवाते रहे। ऐसी ही कुछ स्थितियों को दूसरे जनपदों में पाए जाने के बाद अब छह वर्ष का परीक्षा तथा पंजीकृत शुल्क से संबंधित डाटा साक्ष्य सहित मांगा गया है। एक माह पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग को इस संबंध में स्कूलों से ब्योरा जुटाने के लिए कहा गया, लेकिन निर्देशों के बावजूद स्कूलों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। कुछ गड़बड़ी का शक एटा में भी अप्रत्यक्ष रूप से नजर आने लगा है। जनपद में संचालित 580 माध्यमिक स्कूलों में से सिर्फ 47 स्कूलों द्वारा मांगे गए ब्योरे को देने जैसी स्थिति से बोर्ड ने भी जनपद पर फोकस किया है। फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक मिथिलेश कुमार ने ब्योरा देने से बच रहे स्कूलों को चेतावनी दी है कि ब्योरा नहीं दिया तो बोर्ड की कार्रवाई के लिए प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे।