मासूमों पर कहर बनकर टूटी रफ्तार, इलाज को भटकते रहे परिजन
राजा का रामपुर क्षेत्र में चालक की लापरवाही गुरुवार को स्कूली बच्चा
एटा, जागरण संवाददाता: राजा का रामपुर क्षेत्र में चालक की लापरवाही गुरुवार को स्कूली बच्चों की जिंदगी पर मुसीबत बनकर टूटी। बच्चों को लेकर आ रहे मैजिक वाहन चालक ने वाहन की रफ्तार को एक मोड़ पर कम करना भी मुनासिब नहीं समझा, जिससे वह पलट गया। इस दौरान कई बच्चे खिड़कियों से इधर-उधर जा गिरे। बच्चों में चीख-पुकार मच गई। दर्जनभर बच्चे घायल हो गए। उन्हें निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। फिलहाल दो की हालत गंभीर बताई गई है। हादसे के बाद आरोपित चालक मौके से भाग निकला। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
अलीगंज कस्बा स्थित टीडी पब्लिक स्कूल का वाहन चालक गुरुवार सुबह 7 बजे राजा का रामपुर क्षेत्र के ग्राम कैला और असदपुर से डेढ़ दर्जन बच्चों को स्कूल लेकर आ रहा रहा था। चालक को और भी बच्चे बिठाने थे, इन्हें लेने के लिए वह ग्राम रामनगर की तरफ जा रहा था कि तभी रामनगर गेट के सामने मोड़ पर तेज रफ्तार होने के कारण मैजिक वाहन पलट गया। कई बच्चे खिड़की खुलने से इधर-उधर जा गिरे। बच्चों से भरा स्कूली वाहन पलटने की जानकारी मिलते ही ग्राम कैला और असदपुर समेत आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और बच्चों को बाहर निकाला। हादसे के बाद आरोपित चालक मौके से भाग निकला।
हादसे की सूचना पाकर जब तक सीओ अलीगंज अजय भदौरिया तथा इंस्पेक्टर राजा का रामपुर रामअवतार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। तब तक परिजन घायल बच्चों को निजी वाहनों से अलीगंज स्थित स्वास्थ्य केंद्र लेकर आ गए, लेकिन वहां अस्पताल में भी किसी कर्मचारी के न होने के कारण उन्हें निजी चिकित्सकों के पास जाना पड़ा। घायलों में ग्राम कैला निवासी संकल्प, उसकी बहन काव्या, नमन, आदित्य, अजय, उसकी बहन खुशी, दिशा, उसकी बहन ईशा और असद नगर निवासी सनी समेत दर्जनभर बच्चे शामिल हैं। कुछ बच्चे मामूली रूप से चुटैल हुए, इन्हें परिजन घर लेकर चले गए। स्कूली वाहन में सवार सभी बच्चे 5 से 10 वर्ष की उम्र के थे। राजा का रामपुर पुलिस ने स्कूल वाहन के चालक अलीगंज क्षेत्र के ग्राम कैल्ठा निवासी नरेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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देर से पहुंची एंबुलेंस
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया था, लेकिन सवा घंटे तक वह मौके पर नहीं पहुंची, जिसके कारण परिजनों में आक्रोश पनप गया और वे अपने-अपने बच्चों को निजी वाहनों से इलाज के लिए ले गए। स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं मिला कोई कर्मचारी
एक बार फिर स्वास्थ्य केंद्रों पर कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली। स्कूल का वाहन पलटने पर परिजन घायल बच्चों को लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे, लेकिन वहां कोई कर्मचारी नहीं था। मजबूर होकर परिजनों को अपने बच्चों को निजी चिकित्सकों के यहां लेकर जाना पड़ा। काफी प्रयास के बाद भी स्वास्थ्य केंद्र पर अव्यवस्थाओं का में सुधार नहीं हो सका है।