वैदिक मंत्रों के साथ गूंजीं कुरान की आयतें
ामलीला मैदान में मंगलवार को सामूहिक विवाह समारोह हुए, जिसमें हिंदू और मुस्लिमों के एक साथ विवाह, निकाह कराए गए।
जासं, एटा: शहर के रामलीला मैदान में मंगलवार को सद्भावना का नजारा दिखाई दिया। एक ओर पंडित जी वैदिक मंत्रों के साथ विवाह करा रहे थे तो दूसरी ओर कुरान की आयतों के साथ निकाह हुए। मांगलिक आयोजन में कोई धर्म आड़े नहीं आया। कुल मिला कर यहां 170 जोड़े एक दूजे के हुए।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मंगलवार को यह आयोजन कराया गया। इसमें 204 जोड़ों को बुलाया गया था। इनमें से 170 जोड़ों के दोनों पक्ष पहुंचे। पंडाल में वैवाहिक कार्यक्रमों को लेकर पहले ही तैयारियां कर ली गई थीं। सभी विकासखंड क्षेत्रों के जोड़ों के लिए अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए थे। जबकि एक ब्लॉक मुस्लिम जोड़ों के लिए बना था। 158 ¨हदू जोड़ों की शादी आचार्य डॉ. गिरीश चंद्र उपाध्याय की देखरेख में हुईं। वहीं 12 मुस्लिम जोड़ों का निकाह काजी हाफिज अश्कार अली ने कराया।
मंडलायुक्त ने की सराहना आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मंडलायुक्त अजयदीप ¨सह ने आयोजन की तारीफ की। कहा, यह वृहद आयोजन एटा के लिए गौरव की बात है। सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड, मारहरा विधायक वीरेंद्र ¨सह लोधी, डीएम आइपी पांडेय ने भी समारोह को संबोधित किया। इस दौरान अवागढ़ चेयरमैन महेशपाल ¨सह, निधौलीकलां चेयरमैन देवलाल, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. दिनेश वशिष्ठ, एसएसपी आशीष तिवारी, सीडीओ उग्रसेन पांडेय, एडीएम प्रशासन धर्मेंद्र ¨सह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र ¨सह तंवर, एसडीएम अलीगंज शिव ¨सह, एएसडीएम नंदलाल, सीएमओ डॉ. अजय अग्रवाल, समाज कल्याण अधिकारी एसपी ¨सह, पीओ डूडा सुभाषवीर ¨सह राजपूत आदि अधिकारी मौजूद रहे।
नहीं आए दूल्हे, मायूस लौटीं दुल्हनें
आयोजन के दौरान आधा दर्जन दूल्हे नहीं पहुंचे। जबकि दुल्हन के रूप में सजी युवतियां काफी देर तक इंतजार करती रहीं। जलेसर ब्लॉक के गांव मिसौली के रहने वाले हरीशंकर अपनी दो पुत्रियों को लेकर पहुंचे थे। लेकिन वर पक्ष से कोई नहीं पहुंचा और शादी नहीं हो सकीं। नगला धनी के कुंवरपाल की दो पुत्रियों की शादी थी। एक का वर आने के बाद चला गया। उसने सामूहिक आयोजन में विवाह से इन्कार कर दिया। तीन अन्य जोड़े भी इसी तरह के रहे।
ये मिले उपहार
हर दंपति को 20 हजार रुपये की धनराशि उनके खाते में जमा की गई। वहीं एक मोबाइल फोन, बिछिया-पायल, साड़ी-सूट, बर्तन, बर्तन आदि उपहार योजना के तहत दिए गए। जबकि योजना से अलग प्रशासन की ओर से कंबल और स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेल्थ किट बांटी गईं।