जिलेभर में बारिश-ओलों ने बरपाया कहर, ग्रामीण की मौत
जिलेभर में गुरुवार रात से शुरू हुई बारिश ने जमकर कहर बरपाया।
एटा, जागरण संवाददाता : जिलेभर में गुरुवार रात से शुरू हुई बारिश ने जमकर कहर बरपाया। शुक्रवार को दिनभर रुक-रुककर बारिश जारी रही। इस दौरान थाना बागवाला के गांव लोहाखार में पेड़ गिरने से एक वृद्ध की मौत हो गई। बारिश का जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। फसलों को भी क्षति पहुंची है। इसके साथ ही सर्दी बढ़ गई और लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पारा 12 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया, अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहा।
गुरुवार को रातभर तेज बारिश होती रही, लोग सुबह जब सोकर उठे तो काफी ठंड थी। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे ही बारिश ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। दोपहर 12 बजे तेज हवाएं चलीं और बारिश भी तेजी से हुई। दो घंटे तक लगातार पानी बरसता रहा। इस दौरान थाना बागवाला के गांव लोहाखार में 80 वर्षीय विष्णु दयाल अपने खेत पर आम के पेड़ के नीचे बैठे थे, तभी पेड़ उखड़ गया और उनके ऊपर जा गिरा। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद वृद्ध के शव को पेड़ के नीचे से निकाला और शव जिला अस्पताल ले आए। बिजली गिरने से गाय की मौत
----------------
थाना मिरहची के गांव सूरतपुर माफी में आकाशीय बिजली गिरने से गांव के ही निवासी बहार मुहम्मद की गाय की मौत हो गई। मामले की सूचना गाय मालिक ने पशु चिकित्साधिकारी को दी है। कोतवाली देहात के गांव चमकरी के पास जंगल में रात के वक्त हुई बारिश के दौरान बिजली भी गिरी, लेकिन गनीमत यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। ग्रामीणों ने जिस स्थान पर बिजली गिरी वहां का कुछ हिस्सा जला देखा। ग्रामीण प्रेमवीर सिंह ने बताया कि बिजली गिरने से कोई नुकसान नहीं हुआ है। उधर जलेसर कस्बा व बागवाला क्षेत्र के गांव लोहाखार, दुनइया, मैनाठेर, जलालपुर, दासपुर, सकीट के गढि़या कौंची, नकटपुर, थाना जैथरा की धुमरी न्याय पंचायत के गांवों में ओले पड़े हैं। गेहूं को फायदा तो तंबाकू, आलू को ज्यादा नुकसान
-----------
बारिश से जिले में अब तक बोई गई गेहूं की 1.25 लाख हेक्टेयर फसल को काफी लाभ रहा है। दूसरी ओर जिन क्षेत्रों में आलू के खेतों में जलभराव हुआ है, वहां फसल के रोगीले होने के साथ ही पैदावार प्रभावित होना माना जा रहा है। इसके अलावा धुमरी, जलेसर व मलावन क्षेत्र में जहां-जहां भी ओले बरसे हैं, वहां आलू ही नहीं सरसों, मटर तथा दलहनी फसलें भी प्रभावित हुई हैं। उधर अलीगंज क्षेत्र में तंबाकू की फसल को 20 फीसद तक नुकसान हुआ है। धुमरी क्षेत्र में ओलों ने किसानों की ज्यादा परेशानी बढ़ाई हैं। यहां गांव फगनौल में आलू के खेतों में काफी पानी भरने से किसानों को फसल बर्बाद होने की चिता होने लगी है। ओले गिरने की वजह से सर्वाधिक नुकसान सरसों की पिछैती फसलों को हुआ है, जिन पर कि हाल ही में फूल आया था और ओला बारिश से फूल झड़ने की स्थिति में फली न बनने से उत्पादन काफी प्रभावित होगा। बारिश व ओलों के बाद गेहूं किसान भले ही सुकून में हैं, लेकिन शेष फसलें उगा रहे किसानों की चिता आगे भी बारिश न हो इसके लिए बढ़ गई हैं। ------
आलू, मटर, सरसों आदि की फसलों को हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है, सबसे अधिक नुकसान तंबाकू की फसल को है, क्योंकि बारिश के कारण तंबाकू के पत्तों में छेद हो जाते हैं। अगर बारिश लगातार जारी रहती है तो क्षति अधिक होगी। अगर अगले दिन मौसम सामान्य हो जाता है तो क्षति की भरपाई आसानी से हो जाएगी।
एमपी सिंह, जिला कृषि अधिकारी