कोरोना का प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान पर पड़ा असर
साल भर में 8383 महिलाओं को मिला लाभ पिछले साल 9227 को जांच के बाद दिया था लाभ
जासं, एटा: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान पर कोरोना का असर पड़ा है। योजना के तहत वर्ष 2020-21 में 8383 महिलाओं को लाभ मिला है, जबकि 2019-20 में 9227 महिलाओं को जांच कर योजना का लाभ दिया गया था।
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि योजना कारगर साबित हो रही है।
नोडल अधिकारी डा. बीडी भिरोरिया ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 8383 महिलाओं की योजना के तहत जांच की गई, जिसमें 1103 उच्च जोखिम वाली गर्भवती को चिह्नित किया गया। योजना का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली गर्भवती की महिला रोग विशेषज्ञ की देखरेख में जांच करके उन्हें समुचित इलाज व जानकारी मुहैया कराना है। जनपद में वर्ष 2020-21 में द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली 7136 महिलाओं ने योजना के तहत लाभ प्राप्त किया।
जिला मातृ स्वास्थ्य सलाहकार ताहिरा अल्वी ने बताया कि कोरोना के कारण योजना पर असर पड़ा है फिर भी योजना के लक्ष्य के अनुसार इस वर्ष अधिक से अधिक दूसरी व तीसरी तिमाही वाली गर्भवती की जांच की गई है। वर्ष 2019-20 में 9227 महिलाओं की प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जांच की गई थी, जिसमें से द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली 4759 महिलाओं ने योजना के तहत लाभ प्राप्त किया था। जबकि वर्ष 2020-21 में दूसरी व तीसरी तिमाही में जांच कराने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या बढ़कर 7136 तक पहुंच गई। 2239 महिलाओं ने लगवाए अंतरा इंजेक्शन:
नोडल अधिकारी परिवार नियोजन डा. अभिनव दुबे ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 2239 अंतरा इंजेक्शन लगाए गए थे। योजना का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को उठाना चाहिए। योजना में यह मिलते लाभ:
योजना के तहत ब्लडग्रुप, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, वजन, यूरिन, एचआइवी, सिफलिस आदि जांच तथा अल्ट्रासाउंड के साथ अन्य जांच निश्शुल्क की जाती हैं। साथ ही उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं को आयरन सूक्रोज इंजेक्शन लगाकर आयरन फोलिक एसिड व कैल्शियम की गोली वितरित की जाती हैं।