चिकित्सकों को लगी ठंड, भटक रहे मरीज
ठंडे मौसम में जिला अस्पताल के चिकित्सकों को ओपीडी में बैठना रास न
एटा, जागरण संवाददाता: ठंडे मौसम में जिला अस्पताल के चिकित्सकों को ओपीडी में बैठना रास नहीं आ रहा। ड्यूटी टाइम पर अधिकांश चिकित्सक गायब रहते हैं। तो कुछ एक-दो घंटे बैठकर औपचारिकता पूरी कर जाते हैं। जबकि मरीज इलाज के लिए भटकते नजर आते हैं। इलाज की जिम्मेदारी पूरी तरह प्रशिक्षु चिकित्सकों को सौंप दिया गया है। सब कुछ देखकर भी अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है।
तापमान गिरने के साथ ही मलेरिया, डेंगू, टायफाइड जैसी बीमारियों में कमी आई है तो जिला अस्पताल की ओपीडी पहुंचने वाले मरीजों की संख्या भी कम हो गई है। चिकित्सक भी इस मौके का जमकर फायदा उठा रहे हैं। कई चिकित्सक हफ्ते में एक-दो दिन ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। जबकि रोजाना आने वाले चिकित्सक भी एक-दो घंटे बैठकर अपनी मौजूदगी दर्शाकर गायब हो जाते हैं। यूं तो ओपीडी का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक कुल छह घंटे का है। लेकिन अधिकांश समय कई चिकित्सकों की कुर्सियां खाली रहती हैं। जबकि कई कुर्सियों पर तो प्रशिक्षु चिकित्सक ही दवा लिखते नजर आ जाते हैं। सोमवार को दोनों अस्थि रोग विशेषज्ञ नहीं थे। एक चैंबर में प्रशिक्षु चिकित्सक बैठे थे। दोनों बाल रोग विशेषज्ञ भी नहीं थे। यहां भी प्रशिक्षु चिकित्सक से ही काम चल रहा था। फिजीशियन कक्ष में केवल एक चिकित्सक थे।
मरीज बोले
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सर्दी, खांसी, बुखार की समस्या है। जिसकी दवा लेने आया हूं। चिकित्सक के इंतजार में काफी देर से लाइन में खड़े परेशानी उठा रहे हैं।
- संतोष कुमार, वनगांव
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कमर में कई दिनों से तेज दर्द हो रहा है। यहां हड्डियों के डॉक्टर को दिखाने आए हैं। लेकिन डॉक्टर न मिलने से बिना इलाज जाना पड़ रहा है।
- पवन चौहान, रारपट्टी
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सांस की पुरानी बीमारी है। इन दिनों समस्या ज्यादा बढ़ गई है। लेकिन यहां इतनी लंबी कतार है कि दवा मिलना मुश्किल ही लग रहा है।
- सोवरन सिंह, भदुआ
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कुछ दिन पहले चोट लगी। जिसका जख्म भरने की दवा चल रही है। यही दवा लेने आए थे, लेकिन यहां दवा नहीं मिली। अब बाहर से ही लेनी पड़ेगी।
- हेमंत, जिन्हैरा