Move to Jagran APP

महानमई में पेयजल संकट सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा

पेयजल के लिए सड़क पर लगती हैं कतारें गांव का पानी खारा मीठे पानी का टैंक आज तक नही

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 09:36 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 09:36 AM (IST)
महानमई में पेयजल संकट सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा
महानमई में पेयजल संकट सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा

पेयजल के लिए सड़क पर लगती हैं कतारें, गांव का पानी खारा

loksabha election banner

मीठे पानी का टैंक आज तक नहीं हो पाया चालू

संवाद सूत्र, जलेसर : गांव महानमई में पंचायत चुनाव का खूब शोर है। मगर इस शोर के बीच सबसे ज्यादा आवाज पेयजल संकट को लेकर उठ रही है। गांव में खारे पानी का संकट है और मीठा पानी मिल नहीं पा रहा। पानी की यह समस्या पिछले 75 साल से बनी हुई है। कई बार पंचायत चुनाव हुए, प्रधान बदले, लेकिन इस संकट से महानमई को निजात नहीं मिली।

पंचायत चुनाव में मतदाता दावेदारों से पूछ रहे हैं कि वे पेयजल के लिए क्या करेंगे। उनके पास कौन सी ऐसी युक्ति है जो गांव के लोगों को मीठा पानी दिला सके। इस गांव में पेयजल योजना के तहत पानी का टैंक बनवाया गया था जो आज तक चालू नहीं हुआ। इसके पीछे सोच यह थी कि टैंक का पानी मिलने से खारे पानी की समस्या से कुछ हद तक निजात मिलेगी। दो किलोमीटर दूर से लाते हैं मीठा पानी

-----------------------

रविवार को गांव के कई लोग प्लास्टिक की कैन लेकर सड़कों पर दिखे। यह लोग दो किलोमीटर दूर से हैंडपंप का मीठा पानी लेकर आते हैं। इस हैंडपंप पर कई लोग मौजूद थे। जिनका कहना था कि हर रोज उन्हें यहां आना पड़ता है, तब घर में मीठा पानी नसीब हो पाता है। नल पर हमेशा कतार लगी रहती है क्योंकि महानमई ही नहीं बल्कि आसपास के कई गांवों के लोग मीठे पानी के लिए हैंडपंप पर पहुंचते हैं। एक हैंडपंप पर निर्भर सात हजार की आबादी

-----------------------

गांव महानमई की सात हजार की आबादी मीठे पानी के लिए सिर्फ एक हैंडपंप पर निर्भर है। कहने को गांव में 40 से अधिक हैंडपंप हैं लेकिन वे सब खारा पानी देते हैं। इस पानी को पीने से पशु भी कतराते हैं। हमारी सुनो

---------

गांव में पेयजल के लिए टीटीएसपी (टैंक टाप स्टैंड पोस्ट) बनवाया गया था, लेकिन आज तक इसके रखरखाव के लिए कोई बंदोबस्त नहीं किया गया, इस वजह से पेयजल समस्या गांव में बनी हुई है।

- बशीर अहमद पंचायत चुनाव है इसलिए हमारी हर दावेदार से यही मांग है कि वे हमसे वायदा करें कि मीठा पानी जरूर उपलब्ध कराएंगे। तब ही वोट हम देंगे।

- परवेज खां खारा पानी होने के कारण बीमारियां बढ़ रही हैं। कई वर्षों से हम पानी के लिए भटक रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो गांव छोड़ने के लिए भी विवश होंगे।

- संजू कितनी विडंबना है कि पहले हम घर में काम करें और फिर दो किलोमीटर पानी लेने जाएं। अगर मीठा पानी नहीं होगा तो हमारे घर में खाना नहीं बन पाता।

- विमला देवी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.