मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में नहीं आग बुझाने के साधन
जासं, एटा : मेडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड में आग बुझाने के साधन नहीं हैं। न ओटी में और न ही वार्डों में आग बुझाने वाले सिलेंडरों की व्यवस्था की गई है। अगर कभी शार्ट सर्किट या अन्य कारणों से आग लग जाए तो लेने के देने पड़ सकते हैं।
इमरजेंसी में अभी भी व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चल रही है, जबकि जिला अस्पताल को मेडिकल कालेज में मर्ज किया जा चुका है। तमाम उपकरण इमरजेंसी वार्ड के ऊपर लैब में रखे हैं और नीचे भी वार्डों में मरीज भर्ती रहते हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी के केबिन भी बने हुए हैं, जहां मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल का स्टाफ संयुक्त रूप से रहता है। कहीं भी आग बुझाने के साधन नहीं हैं। अगर आग लग जाए तो आसपास इतने पानी की व्यवस्था नहीं है कि उस पर काबू पाया जा सके। ऐसे में छोटे आग बुझाने वाले सिलेंडर काम आ सकते हैं, मगर उन्हें नहीं उपलब्ध कराया गया। यहां जनरेटर पोस्टमार्टम हाउस के सामने है, वहां से विद्युत केबिलों के जरिए आपूर्ति दी जाती है। दिन में दो बजे के बाद ओपीडी बंद हो जाती है। रात के वक्त इमरजेंसी में स्टाफ तो रहता है, मगर ओपीडी के ताले लगे रहते हैं। अगर वहां शार्ट सर्किट जैसी घटना हुई तो बचाव का कोई साधन नहीं है। सीएमएस डा. राजेश अग्रवाल ने बताया कि अब सारी व्यवस्थाएं मेडिकल कालेज के अधीन हैं, शीघ्र ही सभी तरह की व्यवस्थाएं हो जाएंगी।
एमसीएच विंग में बिछी है पाइप लाइन
-मेडिकल कालेज का भी निर्माण हो रहा है। एमसीएच विंग में आग बुझाने के साधनों की व्यवस्था कर दी गई है। यहां पाइप लाइन बिछाई गई है, ताकि अगर कभी आग जैसी घटना से जूझना पड़े तो पानी उपलब्ध हो सके।