दुर्गा मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, भजन-कीर्तन हुए
तमाम श्रद्धालुओं ने नवमी भी मनाई जगह-जगह प्रसाद वितरण जयकारे
एटा: नवरात्रि के आठवें दिन मां गौरी के दर्शन के लिए सुबह से ही शहर के मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लग गया। शहर के प्रमुख मंदिरों में जनसैलाब अधिक होने से श्रद्धालुओं को लाइन लगाकर पूजा करने को इंतजार करना पड़ा। तमाम भक्तों ने नवमी भी मनाई और कन्या लांगुरा भी जिमाए।
शनिवार को शहर के ठंडी सड़क स्थित काली मंदिर, पथवारी मंदिर, दुर्गा मंदिर, होली मुहल्ला के मां शीतला देवी मंदिर में सुबह से से ही मां गौरी के दर्शन के लिए महिला श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। धार्मिक अनुष्ठानों के बीच मां गौरी के भजन व कीर्तन से पूरा शहर भक्तिमय हो गया। इसके अलावा नगर के जीटी रोड स्थित जनता दुर्गा मंदिर पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। काली मंदिर के पुजारी संजीव दीक्षित ने बताया कि मां का यह रूप देवताओं की रक्षा के लिए प्रचलित है। मां गौरी की उपासना से जीवन में किसी वस्तु की कमी नहीं रहती।
सकीट ़कस्बा के राधा कृष्ण मंदिर, मां काली मंदिर, वाष्र्णेय समाज देवी मंदिर, मां शीतला देवी मंदिर, झगड़ेश्वर व शनिदेव मंदिर पर पूजा अर्चना की गई। साथ ही लोगों ने मंदिरों के साथ अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर पूड़ी, चना व हलुआ प्रसाद के रूप में वितरित किया। राम वर्मा, शनि गुप्ता, गौतम शंकर वाष्र्णेय, सचिन वाष्र्णेय, प्रथमेश वाष्र्णेय, शम्मी वाष्र्णेय, राम गोपाल, विष्णु शंकर, शुकेश वाष्र्णेय, अतुल कुमार, नन्हे वर्मा, टीटू वर्मा, सौरभ गुप्ता, गौरव सक्सेना, सुग्रीव वर्मा, रामेन्द्र वर्मा, गौरव वर्मा आदि मौजूद रहे। इसके अलावा जलेसर, मारहरा, अवागढ़, जैथरा, सकीट, राजा का रामपुर, मिरहची, अवागढ़, निधौली कलां में माता रानी की पूजा की गई और कन्या लांगुरा को भोज कराया। 31 को रावण दहन, शहर में काली प्रदर्शन नहीं:
नवरात्र की दशमी पर रावण दहन नहीं होगा। इसके लिए 31 अक्टूबर तिथि निर्धारित की गई है। रविवार को रामलीला मैदान सूना रहेगा। नवमी भी मनाई जाएगी, मगर काली प्रदर्शन नहीं होगा। पहली बार ऐसा हो रहा है जब रावण वध परंपरा से हटकर विजय दशमी पर नहीं होगा।
रामलीला कमेटी के पदाधिकारी उमाशंकर गिरि और महामंत्री प्रमोद गुप्ता ने बताया कि रामलीला देर से शुरू हुई थी इसलिए लीला पूरी हो इस वजह से रावण वध की तिथि बढ़ा दी गई है।