लाकडाउन में शौचालय चाहिए था, अब मौके से नदारद
बेसलाइन सर्वे टू की सूची में दर्ज आठ सौ लोग सत्यापन के दौरान नहीं मिले कटेगा नाम
जासं, एटा: कोरोना संकटकाल के वक्त हुए सर्वे में लोगों ने शौचालय की जरूरत वाली सूची में नाम दर्ज करा दिया था। अब सत्यापन के दौरान गांव में नहीं मिल रहे। लाकडाउन हटने के बाद अधिकांश लाभार्थी दूसरी जगह पर रहने चले गए हैं। ऐसे लोगों का लाभार्थी सूची से नाम हटाया जाएगा।
कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए लाकडाउन लगाया गया था। इसे लेकर दूरदराज निवास करने वाले लोग भी अपने-अपने गांव में रहने लगे थे। उसी दौरान व्यक्तिगत शौचालय का लाभ देने के लिए बेसलाइन सर्वे टू शुरू कराया गया था। दूरदराज से आए लोगों ने भी अपना सूची में नाम दर्ज करा दिया था। अब जिला पंचायती राज विभाग से डोर टू डोर सत्यापन कराया गया। इसमें आठ सौ लोग गांव छोड़कर दूसरे जिलों में रहने की रिपोर्ट मिली। ऐसे में इतने लोगों का सूची से नाम हटाया जा रहा है। बता दें कि बेसलाइन सर्वे टू में कुल 8030 लोगों को शौचालय का लाभ देने की सूची बनाई गई थी। अधिकांश लोगों को शौचालय निर्माण के लिए धनराशि दे दी गई है। वहीं दूसरी तरफ 517 ऐसे लोग हैं, जिनका बिना आइएफएससी कोड वाले खाते लगे हैं। इनमें पीएफएमएस प्रणाली से धनराशि हस्तांतरित नहीं हो पा रही है। इन लोगों का भी नाम सूची से हटाया जाएगा। वहीं एडीपीआरओ मनोज कुमार त्यागी ने बताया कि सूची से नाम हटाने वाले कुल 1317 लोग शामिल हैं। लोगों से दूसरे खाते मांगे गए थे। उनके खाते उपलब्ध नहीं हुए हैं।