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मूल्य आधारित शिक्षा है विद्याभारती का उद्देश्य

एटा जासं। शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती प्रभावी काम कर रही है। विद्याभारती ने शिक्षा को व्यवसाय नहीं बल्कि बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा देने का माध्यम बनाया है। जिसके तहत बच्चों को शारीरिक योग संगीत संस्कृति और नैतिक शिक्षा में प्रवीण बनाकर उन्हे राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के योग्य बनाने का काम ही विद्याभारती के पंचमूल तत्वों पर निर्भर है। यह विचार रविवार को शहर के जीटी रोड स्थित विद्या भारती सीनियर सेकेंडरी में आयोजित पांच दिवसीय आचार्यो की प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रीय मंत्री अवनीश भटनागर ने व्यक्त किए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 10:52 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 06:19 AM (IST)
मूल्य आधारित शिक्षा है विद्याभारती का उद्देश्य
मूल्य आधारित शिक्षा है विद्याभारती का उद्देश्य

एटा, जासं। शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती प्रभावी काम कर रही है। विद्याभारती ने शिक्षा को व्यवसाय नहीं बल्कि बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा देने का माध्यम बनाया है। जिसके तहत बच्चों को शारीरिक, योग, संगीत, संस्कृति और नैतिक शिक्षा में प्रवीण बनाकर उन्हे राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के योग्य बनाने का काम ही विद्याभारती के पंचमूल तत्वों पर निर्भर है। यह विचार रविवार को शहर के जीटी रोड स्थित विद्या भारती सीनियर सेकेंडरी में आयोजित पांच दिवसीय आचार्यो की प्रशिक्षण कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रीय मंत्री अवनीश भटनागर ने व्यक्त किए।

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प्रशिक्षण कार्यशाला के पहले दिन उद्धाटन मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय अग्रवाल ने किया। राष्ट्रीय मंत्री भटनागर ने बताया कि विद्याभारती व्यक्तित्व विकास का पुरातन शिक्षा दर्शन है। व्यक्ति के शरीर का विकास होगा तो प्राण शक्ति बढ़ेगी, मन की शक्ति, मन पर नियंत्रण का भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व के पांच मूल तत्व ही मानव के व्यक्तित्व को प्रभावशाली और योग्य बनाते हैं। इसीलिए विद्याभारती बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए पहले अपने शिक्षकों को योग, शारीरिक सौष्ठव की बारीकियों का प्रशिक्षित करती है, फिर संगीत और संस्कृति का प्रशिक्षण देकर उन्हे बच्चों में शिक्षा के माध्यम से व्यवहार में लाने की सीख देती है। इतने भर से बच्चे विद्याभारती का मान आज पूरे देश में बढ़ा रहे हैं। शिक्षा का दर्शन सभी शिक्षक विद्याभारती से सीख रहे हैं। जो हर वर्ष ग्रीष्मावकाश में देश भर में आयोजित किए जाते हैं।

प्रशिक्षण में विभिन्न विद्यालयों के 120 शिक्षकों शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया और शिक्षा की बारीकियों का ज्ञान लिया। इस अवसर पर विद्याभारती के प्रांत संगठन मंत्री हरीशंकर, आरएसएस ब्रजप्रांत कार्यवाह राजपाल सिंह, स्वामी विवेकानंद शिक्षा प्रसार समिति क्षेत्रपाल उपाध्याय, प्रधानाचार्य विश्वनाथ द्विवेदी, प्रधानाचार्य प्रेमचंद्र जी, विद्यालय के अध्यक्ष घनश्यामदास माहेश्वरी, संजीव गोयल, मंत्री ब्रजनंदन माहेश्वरी, सुधीर कुमार गुप्ता, शिवशंकर वाष्र्णेय, सतीश शुक्ल, डॉ. राजेश सक्सेना, प्रधानाचार्य कृष्णकांत द्विवेदी आदि अनेक शिक्षक मौजूद थे।


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