मुस्लिमों के बिना हिंदुत्व अधूरा कहकर भागवत ने विचारधारा छोड़ीः तोगडिय़ा
विहिप से अलग होकर अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद बनाने वाले डॉ. प्रवीण भाई तोगडिय़ा ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान मुस्लिमों के बिना हिंदुत्व अधूरा, हिंदुओं का अपमान है।
एटा (जेएनएन)। विहिप से अलग होकर अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद बनाने वाले डॉ. प्रवीण भाई तोगडिय़ा ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान मुस्लिमों के बिना हिंदुत्व अधूरा, हिंदुओं का अपमान है। इस बयान से ऐसा लगता है कि भागवत ने हिंदुत्व की विचारधारा ही छोड़ दी है। यहां पत्रकारों से बातचीत में तोगडिय़ा ने कहा कि मोदी को हिंदुओं ने प्रधानमंत्री बनाया कि संसद में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाएं, लेकिन तीन तलाक का कानून बनाकर वे मुस्लिमों को खुश करने में जुट गए।
13वीं सदी में मुसलमान नहीं थे हिंदुत्व था, अब अधूरा कैसे
तोगडिय़ा ने कहा कि संघ प्रमुख भूल गए कि 13वीं शताब्दी से पहले मुसलमान नहीं थे, तब भी हिंदुत्व था तो फिर यह मुसलमानों के बिना अधूरा कैसे। उन्होंने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव जो पार्टी हिंदुओं का समर्थन करेगी, उसे ही संगठन समर्थन देगा। 21 अक्टूबर को अयोध्या कूच के मामले पर तोगडिय़ा बोले कि कार्यक्रम निर्धारित है। हम वहां जाकर राम मंदिर बनाने के लिए संसद में कानून की मांग करेंगे।
मोहन भागवत का हिंदुत्व
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय स्वयं संघ सेवक की व्याख्यान श्रृंखला में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस देश में मुसलमान नहीं रहेंगे तो ये हिंदुत्व नहीं होगा। सरसंघचालक ने पहले हिंदुत्व की परिभाषा बताई और कहा कि हिंदुत्व सब को जोड़ता है। उनकी नजर में विविधताएं डरने की बात नहीं है बल्कि उत्सव मनाने की जरूरत है। भागवत ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और रहेगा। हिंदुत्व समाज को एकजुट रखता है।
महात्मा गांधी का हिंदुत्व
महात्मा गांधी ने कहा था कि सत्य की अनवरत खोज का नाम हिंदुत्व है। सतत चलने वाली प्रक्रिया है। हिंदुत्व को हिंदुइज़्म नहीं कहना चाहिए। भारत में जो लोग रहते हैं उन सभी की राष्ट्रीयता और पहचान की दृष्टि से हिंदू ही हैं। जनजातीय समाज भी हिंदू ही है। हिंदुत्व ही है जो सबके साथ तालमेल का आधार हो सकता है। हिंदुत्व को लेकर दुनिया भर में सम्मान का भाव है और उसकी स्वीकृति है जबकि भारत में हिंदुत्व को लेकर आक्रोश है।