सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव की जय-जयकार
कैलाश मंदिर के अलावा जनपद के अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
जासं, एटा: सावन के पहले सोमवार को लाखों श्रद्धालुओं ने उपवास रखा और बेहद सादगी के साथ मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की। प्राचीन कैलाश मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी, लेकिन सभी को शारीरिक दूरी का पालन करना पड़ा और भक्त मास्क लगाकर मंदिर में पहुंचे। उन्हें सैनिटाइज कराया गया।
शहर के कैलाशगंज स्थित कैलाश मंदिर में तड़के से ही श्रद्धालुओं ने पहुंचकर चतुर्मुखी शिवलिंग की पूजा-अर्चना शुरू कर दी। जलाभिषेक के अलावा भक्तों ने दूध, दही, शहद, गंगाजल से भी अभिषेक कराया। श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या अधिक थी। मंदिर के पुजारी धीरेंद्र झा ने भगवान शिव का अभिषेक कराया। इसके अलावा डाक बगलिया स्थित विशाल शिवलिंग के पूजन को भी भीड़ देखी गई। रैवाड़ी मुहल्ला के शिव मंदिर में श्रद्धालु पूजा-अर्चना में जुटे नजर आए। यह इस क्षेत्र का सर्वाधिक मनौती वाला मंदिर है, जहां श्रावण मास में सबसे ज्यादा रौनक रहती है। परसोंन स्थित भगवान महादेव के मंदिर में आस्था का ज्वार उमड़ा। भक्तों ने गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इसके साथ ही अलीगंज, जैथरा, मारहरा, निधौली कलां, अवागढ़, सकीट, अवागढ़, मलावन, पिलुआ, धौलेश्वर, मिरहची क्षेत्र के मंदिरों में भी शिव पूजन कर लोगों ने पुण्य लाभ प्राप्त किया। राजा का रामपुर में मंदिर सजाए गए और विशेष पूजा-अर्चना की गई। प्रतिबंध के कारण पटना पक्षी बिहार में पूजा नहीं कर पाए श्रद्धालु:
पटना पक्षी बिहार स्थित पूर्ण इच्छेश्वर महादेव मंदिर में आम शिवभक्त कोरोना गाइड लाइन के चलते पूजा-अर्चना नहीं कर पाए, क्योंकि प्रशासन ने पहले से ही भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है। सोमवार को मंदिर सीमित लोगों ने ही पूजा-अर्चना की। कुछ दिन पहले बड़े मियां की जात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जो अब तक लगा हुआ है। भीड़ उमड़ने के कारण वहां हालात खराब हो गए थे। इधर, पटना पक्षी बिहार में जलभराव भी है। मैन गेट पर ही इतना पानी भरा है कि श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक नहीं पहुंच सकते। भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके मन को सुकून मिलता है। सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं, वे बहुत ही दयालु हैं और सबका भला करते हैं।
- दीक्षा, श्रद्धालु कैलाश मंदिर सर्वाधिक मनौती वाला शिव मंदिर है। भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है और वे अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते।
- पूनम, श्रद्धालु