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एटा: जम गया था खून, ठहर गई जिंदगी

पिछले कई दिनों से जारी प्रचंड ठंड तीन लोगों के लिए जानलेवा बन ग

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 11:07 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 06:08 AM (IST)
एटा: जम गया था खून, ठहर गई जिंदगी
एटा: जम गया था खून, ठहर गई जिंदगी

एटा, जागरण संवाददाता : पिछले कई दिनों से जारी प्रचंड ठंड तीन लोगों के लिए जानलेवा बन गई। रात के समय भीषण ठंड के बीच तीन लोगों को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। चिकित्सकों ने बताया कि सर्दी के कारण रक्त नलिकाओं में रक्त जम गया था। रक्त संचरण रुकने से मौत हो गई।

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कोतवाली देहात के गांव नगला गलू निवासी जयवीर (57) को स्वजन रात 9.30 बजे अस्पताल लेकर पहुंचे। बताया कि रात में किसी कार्य से उठकर बाहर की ओर जा रहे थे कि अचानक सीने में दर्द हुआ। अस्पताल में उनका इलाज भी शुरू न हो सका। चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम में भी हार्ट अटैक की पुष्टि की गई है। रात 11.40 बजे पर मुन्नी देवी (60) निवासी गांव पहलोई थाना सिढ़पुरा और रात 12.35 पर शांतिलाल (70) निवासी तिलकनगर थाना कोतवाली नगर को भी स्वजन हार्ट अटैक की स्थिति में लेकर पहुंचे। हालांकि यहां आते-आते दोनों की मौत हो चुकी थी। स्वजन बिना पोस्टमार्टम उनका शव वापस ले गए।

इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डॉ. राहुल वाष्र्णेय ने बताया कि तीनों के ही स्वजनों से जो बात हुई, उसके मुताबिक ठंड की स्थिति में हार्ट अटैक की आशंका है। सही समय पर उपचार न मिलने से हार्ट फेल्योर की स्थिति बन गई। ब्रेन हेमरेज का भी खतरा

कड़ाके की सर्दी के मौसम में रक्त की नलिकाएं सिकुड़ने की वजह से दिमाग की नसों में भी रक्त का संचार कम हो जाता है। यदि रक्त का प्रवाह पूरी तरह रुक जाए तो ब्रेन अटैक हो जाता है। ऐसी स्थिति में दिमाग के प्रभावित हिस्से की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। नस के फटने का भी खतरा बढ़ जाता है जिसको ब्रेन हेमरेज कहा जाता है। हार्ट अटैक के लक्षण

- छाती में दर्द या ऐंठन

- पसीना, चक्कर, सांस फूलना, नींद न आना

- हाथों, कंधों, जबड़ों आदि में दर्द या उल्टी आना

- थकान और कमजोरी महसूस होना

तुरंत यह करें

- अटैक का अनुमान होते ही इमरजेंसी कॉल करें या डॉक्टर को फोन करें।

- डॉक्टर की दवा या एस्प्रिन की एक गोली चबाकर या पानी के साथ लें।

- दर्द होने पर मरीज की छाती पर हाथ रखकर पंपिग करते हुए दबाएं।

- मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो तो अपने मुंह से सांस दें।

- मरीज के अचेत होने पर 10 मिनट के अंदर उसके सीने को दबाएं।

ऐसा हो खानपान व रहन-सहन

- मीठा, नमकीन और खट्टा कम खाएं।

- चावल, दही, केले, कढ़ी का सेवन न करें।

- छह से सात गिलास पानी पिएं।

- नमक, तेल-घी, फास्ट फूड का इस्तेमाल कम कर दें।

- सिगरेट, तंबाकू और शराब का सेवन न करें।

- एक मोटा कपड़ा पहनने की बजाए कपड़ों को कई तह में पहनें।

- सिर को अच्छी तरह से ऊनी कपड़ों से ढंक कर रखें।

- सुबह व शाम में सैर न करें।

- बीपी और सुगर की दवा लेना बंद या डोज कम न करें।

वर्जन

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जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियिन डॉ. एस. चंद्रा बताते हैं कि अत्यधिक ठंड में शरीर का तापमान कम होने लगता है। रक्त धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे हृदय और मस्तिष्क पर रक्त का दबाव बढ़ जाता है। 40 की उम्र के बाद खतरा बढ़ जाता है। अस्पताल में हाई बीपी, सीने में दर्द, हृदय रोग के मरीजों की संख्या बढ़ी है। लापरवाही करने वालों को हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का जोखिम है।


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