विद्युतकर्मियों का कार्य बहिष्कार, रुका लाखों का राजस्व
विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार दूसरे दिन भी जारी रही। इस हड़ताल के चलते विद्युत विभाग के सभी कार्य पूरी तरह ठप रहे। कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर डटे विद्युत कर्मियों के कारण न तो राजस्व संबंधी कार्य हो सके और न ही विद्युत लाइनों में बीते 4
एटा, जागरण संवाददाता: विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार दूसरे दिन भी जारी रही। इस हड़ताल के चलते विद्युत विभाग के सभी कार्य पूरी तरह ठप रहे। हड़ताल पर डटे विद्युत कर्मियों के कारण न तो राजस्व संबंधी कार्य हो सके। वहीं विद्युत समस्याओं का निदान भी नहीं हुआ। हड़ताल से लगभग 80 लाख रुपये राजस्व की वसूली भी नहीं हुई। उधर उपभोक्ता अपने कार्यों से इधर-उधर भटकते रहे।
जीपीएफ घोटाले को लेकर विद्युत कर्मियों की हड़ताल ने उपभोक्ताओं की समस्याएं बढ़ा दी हैं। कई स्थानों पर फाल्ट हो रहे हैं, मगर सुधारने वाला कोई नहीं है। समाधान योजना में भी कुछ खास नहीं हो रहा। विभाग के सभी पटल सूने-सूने पड़े हैं। मंगलवार दूसरे दिन आंदोलन के कारण डिवीजन क्षेत्र के सभी बिजलीघरों के कार्यालयों पर ताला लटका रहने से उपभोक्ताओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अधीक्षण अभियंता ऑफिस कैंपस में विद्युत कर्मियों ने धरना दिया। आक्रोशित कर्मियों ने ऊर्जा प्रबंधन के विरुद्ध जमकर गर्जना करते हुए एलान किया कि जब तक कर्मचारियों को जीपीएफ/सीपीएफ के भुगतान को विशेष पैकेज के अंतर्गत पुन: खाते में जमा कराने की व्यवस्था नहीं कराई जाती, संघर्ष समिति का संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।
इस दौरान एसई संदीप कुमार, जंटसिंह यादव, राधेश्याम गुप्ता, अधिशासी अभियंता सौपाली सिंह, अधिशासी अभियंता आरबी रॉय, अरुणेंद्र प्रताप सिंह, विजय शंकर सिंह, योगेश कुमार मौलिया, जवाहरसिंह, प्रवीनप्रताप सिंह, धर्मेंद्र सिंह, सौरभ त्रिपाठी, अर्जुनसिंह, नेत्रपाल यादव, दिगंबर सिंह, प्रेमपाल सिंह, ललित वाष्र्णेय, संजय शर्मा, राजवीर सिंह, चंद्रबोस, भुवनेश, जेपी सिंह, राकेश शर्मा, अनिल कुमार, शिवशंकर, रोशनलाल, प्रवीन कुमार, संजय, लवकुमार, कपिल माहेश्वरी, सुनील कुमार, देवेंद्र, सतीशचंद्र, राजुंल, ओमपालसिंह आदि कर्मचारी व अधिकारी मौजूद थे।
संयुक्त संघर्ष समिति करेगी अग्रिम फैसला 48 घंटे की काम बंद हड़ताल के लिए सिर्फ दो दिन नियत किए गए थे। यह अवधि बुधवार को समाप्त हो रही है। लेकिन हड़ताल को लेकर आगे की क्या रणनीति होगी। इसका फैसला विद्युत कर्मियों की संयुक्त संघर्ष समिति को ही करना है। जेई संघ के जिलाध्यक्ष अर्जुनसिंह का कहना है कि हड़ताल की अवधि और बढ़ाई जा सकती है। अर्थात जब तक विद्युत कार्पोरेशन के प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े अधिकारी कोई ठोस निर्णय भविष्य निधि की राशि के हस्तांतरण का नहीं लेते, कर्मचारी काम पर लौटने में दिलचस्पी नहीं लेंगे।