कोरोना काल में नारी शक्ति को सतर्कता बरतने की जरूरत
आत्मबल संयम और संकल्प इस पर्व के प्रमुख घटक
एटा: करवाचौथ का त्योहार बुधवार को मनाया जाएगा। जागरूक महिलाएं कह रही हैं कि यह पर्व नारी शक्ति का पर्व है। आत्मबल, संयम और संकल्प इस पर्व के प्रमुख घटक हैं। चूंकि इस समय कोरोना का संकट काल चल रहा है इस वजह से अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। थोड़ा सजग रहते हुए पर्व को मनाए।
वर्ष में एक दिन हमें अपने पति के प्रति अटूट आस्था प्रकट करने का मौका मिलता है। इस त्योहार को कोरोना के संकट काल में भी हम पूरे उत्साह के साथ मनाएंगे।
- शालिनी अग्रवाल करवाचौथ के दिन परंपरा कायम रखते हुए अगर बहुत जरूरी न हो तो सामूहिक कार्यक्रमों में जाने से बचा जा सकता है, क्योंकि यह दौर महामारी का चल रहा है।
- अंजली वाजपेयी करवाचौथ के लिए हमने विशेष तैयारियां की हैं। अपने पति की दीर्घायु की कामना हम अपने घर पर ही रहकर करेंगे और परंपरागत रूप से त्योहार मनाएंगे।
- कीर्ति यादव इस त्योहार पर हम सभी महिलाओं को पूजन शुभ मुहूर्त पर ही करना चाहिए क्योंकि मुहूर्त की अलग ही मान्यता है। हमने अपने घर पर पूजा करने का ही निर्णय लिया है।
- सोनम करवाचौथ त्याग और संकल्प का प्रतीक है। यह त्योहार हमें बताता है कि हमारे अंदर आत्मबल कितना है और हम कितना त्याग अपने पति के लिए कर सकते हैं।
- पूजा सिंह घर पर पूजा करने के बाद मास्क लगाकर मंदिरों में दर्शन किए जा सकते हैं। महामारी के दौर में हमें लगता है कि बड़े कार्यक्रमों में जाना ठीक नहीं हे।
- प्रिया शिवम