जय हो भोले भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
एटा जासं। भोर होते ही हाथों में बेल पत्र और पूजा की थाली लिए शिव भक्तों की लंबी कतारें शिवालयों पर दिखने लगी। सबकी जुबां पर ओम नम शिवाय का उच्चारण मंदिरों में घनघनाते घंटे और बम-बम भोले के जयकारों की गूंजे और देवस्थानों पर पहुंचकर जल चढ़ाते कांवड़ियों का यह नजारा जिलेभर के शिव मंदिरों में सावन के तीसरे सोमवार को देखने को मिला। हर ओर भोले की भक्ति में डूबे श्रद्धालुओं की आस्था हिलोरें ले रही थी।
एटा, जासं। भोर होते ही हाथों में बेल पत्र और पूजा की थाली लिए शिव भक्तों की लंबी कतारें शिवालयों पर दिखने लगी। सबकी जुबां पर ओम नम: शिवाय का उच्चारण, मंदिरों में घनघनाते घंटे और बम-बम भोले के जयकारों की गूंजे और देवस्थानों पर पहुंचकर जल चढ़ाते कांवड़ियों का यह नजारा जिलेभर के शिव मंदिरों में सावन के तीसरे सोमवार को देखने को मिला। हर ओर भोले की भक्ति में डूबे श्रद्धालुओं की आस्था हिलोरें ले रही थी।
शहर के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर में सुबह से ही पूजा-अर्चना करने वालों का तांता लगा हुआ था। श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर जलाभिषेक किया, वहीं कुछ ऐसे भी थे जो भगवान शिव पर दूध चढ़ा रहे थे। पूजा सामग्री की थाली हाथों में लिए महिलाओं की मंदिरों में कतार लगी रही। दोपहर पट बंद होने तक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। इसके अलावा शहर के अन्य शिव मंदिरों में भी सुबह से ही पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू हो गया था। बच्चों में भी खूब उत्साह देखने को मिला। शहर के पथवारी मंदिर, माता जनता दुर्गा मंदिर, डाक बगलिया शिवालय के अलावा अन्य मंदिर स्थित शिवलिग पर भी जल चढ़ाने वालों का तांता लगा रहा।
जलेसर क्षेत्र में पटना पक्षी बिहार स्थित पूर्ण इच्छेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की सुबह से ही काफी भीड़ रही। कांवड़ियों ने यहां जलाभिषेक किया। इसके अलावा कस्बे के अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता सुबह से ही लगा रहा। वहीं अलीगंज में सावन के तीसरे सोमवार को शिव मंदिरों पर भक्तों की भीड़ रही। जिले के मारहरा, मिरहची, अवागढ़, निधौली कलां, सकीट, जैथरा, राजा का रामपुर आदि क्षेत्रों में भी शिवालयों में खासी भीड़ देखी गई। नागों को भी दूध पिलाकर मनाई पंचमी
सावन का सोमवार और उसी दिन नाग पंचमी पर्व का अहम दिवस श्रद्धालुओं के लिए खास था। सपेरों ने भी इधर-उधर घूमने के बजाय शिवालयों के समीप ही डेरा जमा लिया। यहां श्रद्धालुओं ने नाग पूजा के साथ उन्हें दूध पिलाया। खास दिवस होने के कारण कस्बाई क्षेत्रों में भी नाग पूजन का सिलसिला जारी रहा।
श्रद्धालु बोलीं
श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। सोमवार के दिन उपवास रखने से मन को असीम शांति मिलती है। भोले भंडारी शीघ्र ही अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।
- अंशुल
कई वर्ष से सावन के सोमवार को उपवास रखते हैं। भगवान शिव हमें अछ्वुत शक्ति प्रदान करते हैं। मैं तो कहतीं हूं कि भोले भंडारी बड़े ही दयालु हैं।
- नेहा
भगवान शिव की पूजा विधि-विधान के मुताबिक करनी चाहिए। जो सच्चे मन से शिव की पूजा करते हैं भोले बाबा उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं।
- नमृता
शिव से बड़ा न कोई सत्य हैं और न कोई सुंदर। इसी कहा जाता है कि सत्यम, शिवम, सुंदरम। वे सभी को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।
- अंशु