चुरथरा में भर्ती होंगे कोराना मरीज, डीएम ने परखी आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था
रोडवेज बस स्टैंड पर तीन शिफ्टों में जांच शुरू 11 कर्मचारियों की लगाई गई है ड्यूटी
जासं, एटा: ओमिक्रोन के संभावित खतरे को देखते हुए मेडिकल कालेज में व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रहीं हैं, चुरथरा एल-1 कोविड अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं नए सिरे से की गईं हैं। उधर जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने मेडिकल कालेज पहुंचकर आक्सीजन प्लांट और एमसीएच विग का निरीक्षण किया। रोडवेज बस स्टैंड पर तीन शिफ्ट में यात्रियों की जांच शुरू की गई है। यहां 11 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
डीएम ने कहा कि बस स्टैंड पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिग एवं कोविड-19 की जांच की व्यवस्था की गई है। बस स्टैंड पर जांच के दौरान पाजिटिव आने पर चुरथरा में एंबुलेंस के माध्यम से भर्ती कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को ²ष्टिगत रखते हुए जनपद में लोगों द्वारा विशेष सतर्कता बरती जाए। डीएम ने कहा कि ओमिक्रोन को ²ष्टिगत रखते हुए एमसीएच विग एवं अन्य स्थानों पर छूटे व्यक्तियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई जाएं। डीएम ने इस दौरान आरटीपीसीआर लैब का भी निरीक्षण कर मौजूद चिकित्सक डा. प्रशांत से टैस्टिग के विषय में जानकारी प्राप्त कर समुचित दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान सीएमओ डा. यूके त्रिपाठी, सीएमएस डा. राजेश अग्रवाल, सीएमएस अशोक कुमार सहित अन्य चिकित्सक, कर्मचारीगण आदि मौजूद रहे। ओमिक्रोन के खतरे के मध्य स्कूलों में लापरवाही: एक बार फिर से कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेताया जाने लगा है। उधर, इन दिनों संचालित सरकारी स्कूलों में जिम्मेदारों को किसी भी तरह की चिता नहीं है। कुछ प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर ज्यादातर स्कूलों में किसी भी तरह की गाइडलाइन का पालन होता नजर नहीं आ रहा। टीकाकरण से दूर विद्यार्थियों के लिए विभाग ने भी हालात को देखकर किसी तरह के दिशा निर्देश नहीं दिए हैं।
यहां बता दें कि कोरोना संक्रमण के दौरान स्कूलों को निर्धारित गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश दिए गए थे। हालात सामान्य होने की स्थिति में अधिकांश शिक्षा संस्थानों में लापरवाही शुरू हो गई। अब एक बार फिर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय भी दिशा निर्देश जारी कर चुका है। मैनपुरी जिले के सैनिक स्कूल में कई विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण मिल चुका है।
इन हालातों में जिले की सरकारी या निजी शिक्षण संस्थाओं पर गौर किया जाए तो हर स्तर पर लापरवाही नजर आ रही है। सरकारी स्कूलों में बच्चों के चेहरों पर मास्क पूरी तरह से नदारद हो चुके हैं। यहां हैंड सैनिटाइजर तथा अन्य व्यवस्थाएं पहले से ही बदहाल हैं। उधर, निजी प्राइवेट स्कूलों की बात की जाए तो यहां के हालात भी लापरवाही वाले हैं। विद्यार्थी मास्क लगाए तो दिखाई दे रहे हैं, लेकिन सैनिटाइजेशन व थर्मल स्क्रीनिग जैसी व्यवस्थाएं कम ही है।
सामूहिक गतिविधियों तथा शैक्षिक क्रियाकलापों में भी अब पूरी तरह से किसी भी तरह की एहतियात नहीं बरती जा रही। फिलहाल विद्यार्थियों की उपस्थिति भी अधिक बनी रहने के बावजूद जिम्मेदार किसी भी तरह से सक्रिय नहीं है। बेसिक तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भी अभी तक इस मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। बीएसए संजय सिंह का कहना है कि पहले से ही स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन तथा मास्क की अनिवार्यता है। डीआइओएस मिथिलेश कुमार का कहना है कि स्कूलों में व्यवस्थाओं की पड़ताल कराई जाएगी।