सर्दी की दस्तक के बाद गरम ईंट-भट्ठा उद्योग
दिसंबर माह की शुरूआत के साथ ही सर्दी भी बढ़ने लगी है। जनवरी और
एटा, जागरण संवाददाता: दिसंबर माह की शुरूआत के साथ ही सर्दी भी बढ़ने लगी है। जनवरी और फरवरी में मौसम खराब होने के कारण ईंट उत्पादन प्रभावित होता है, ऐसे में कारोबारी पहले से ही ईंट तैयार कराने में जुट गए हैं। इन दिनों कच्ची ईंट की थपाई के साथ-साथ चिमनियां भी सुलगने लगी हैं।
जिले में 250 से अधिक ईंट भट्ठे संचालित हैं। हालांकि बीते सालों में पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशों ने कारोबार प्रभावित किया, लेकिन पिछले साल से यह उद्योग ढर्रे पर आ गया। अधिक संख्या में ईंट भट्ठे होने के कारण यहां दूसरे जिलों से भी माल की डिमांड लगातार बनी रहती है। पिछले सालों नवंबर से ही मौसम खराब होने के कारण कारोबार प्रभावित हो जाता। इस बार मौसम ने साथ दिया तो आगामी कोहरे और सर्द मौसम के दिनों चिमनियां बंद रहने की स्थिति में अग्रिम माल तैयार कराया जा रहा है। ज्यादातर ईंट भट्ठों पर कच्ची ईंट की थपाई हो रही है। कुछ स्थानों पर चिमनियां सुलगने के बाद उनकी पकाई भी की जा रही है। फरवरी के बाद वित्तीय वर्ष की समाप्ति होने की स्थिति में निर्माण कार्य जोर पकड़ते हैं और उस समय मुनाफे का अच्छा मौका होता है।
ईंट के भाव फिलहाल सर्दी बढ़ते ही पांच हजार रुपये प्रति हजार तक हुए हैं। लेकिन वित्तीय वर्ष के अंतिम समय डिमांड ज्यादा होने के कारण कारोबारियों को अच्छा मूल्य मिलता है। कारोबारियों को इस साल अच्छे मुनाफे की उम्मीद है। कारोबारी पुष्पेंद्र सिंह बताते हैं कि एक पखवाड़े मौसम का साथ रहा तो कारोबार अच्छा होगा। वहीं रूपेंद्र सिंह कहते हैं कि इस समय लेबर भी उपलब्ध है। इस कारण कच्चा माल तैयार कराने में दिक्कत नहीं।