डिप्थीरिया मामले में अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य महकमा
साल में छह संदिग्ध मामले किए गए दर्ज दो बच्चों की जांच से पहले हो गई मौत
एटा: शहर में डिप्थीरिया (गलघोंटू) के संदिग्ध रोगी को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। इसकी जांच के लिए सैंपल लेकर दिल्ली भिजवाया गया है। इस साल अब तक छह संदिग्ध रोगी पाए गए हैं। जिनमें से दो बच्चों की मौत बिना जांच के हो चुकी है। ऐसे में इस केस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अधिक चौकन्ना है।
यह काफी खतरनाक रोग है, जिसमें जान का भी खतरा रहता है। इसे रोकने के लिए बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। लेकिन टीकाकरण पूरा न होने या बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से बच्चा इस बीमारी की चपेट में आ सकता है।
2020 में जिले में इस बीमारी के कुल मिलाकर छह संदिग्ध मरीज पाए गए। इनमें से अलीगंज और जैथरा के एक-एक बालक की जांच के लिए सैंपल लेने से पहले ही मौत हो गई। जबकि चार बच्चों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। इनमें से एक की ही रिपोर्ट मिली है, जिसे निगेटिव बताया गया है। एक संदिग्ध बालक का सैंपल 30 दिसंबर को लिया गया है। यह शहर के जाटवपुरा का रहने वाला है। जिसके स्वजन जांच ही नहीं कराना चाहते थे। लेकिन पूर्व की दो मौत के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता था। ऐसे में पुलिसबल को साथ ले जाकर सैंपल लिया गया। अब रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यदि वह संक्रमित पाया जाता है तो विभाग को इस इलाके पर बड़ी कवायद करनी होगी।
बच्चे में डिप्थीरिया जैसे लक्षण बताए गए हैं। जिसके आधार पर उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाया गया है। यदि वह संक्रमित पाया जाता है तो उसके इलाज के साथ ही उसके स्वजन व संपर्क में रहे अन्य लोगों को चिन्हित कर उनकी भी जांच कराई जाएगी।
- डा. अरविद कुमार गर्ग, सीएमओ