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सरकारी प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प में प्रधानों का अड़ंगा

1691 स्कूलों में से सिर्फ 379 में शुरू हो सका काम सभी 19 पैरामीटर पूरे किए जाने पर है जोर

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 05:55 AM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 05:55 AM (IST)
सरकारी प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प में प्रधानों का अड़ंगा
सरकारी प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प में प्रधानों का अड़ंगा

जासं, एटा: शिकायत तो पूर्व प्रधानों से रही थी कि उन्होंने वोटों की राजनीति में स्कूलों के कायाकल्प को भुला दिया। अब जब गांव की सरकार चुनाव बाद बदल गई फिर भी आपरेशन कायाकल्प को लेकर नवनिर्वाचित प्रधानों की भी नियति अच्छी नहीं दिख रही। स्कूलों के कायाकल्प में शपथ के महीनों बाद भी ऐसे प्रधान निष्क्रिय बने हुए हैं। यही वजह है कि जिले में 1691 स्कूलों में से अभी तक 379 में ही कायाकल्प के कार्य शुरू हो सके हैं। 1312 स्कूल अभी भी ऐसे हैं, जहां प्रधानों ने मुड़कर नहीं देखा है।

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यहां बता दें कि पिछले साल तक ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को बच्चों के लिए मूलभूत संसाधन उपलब्ध कराने के लिए आपरेशन कायाकल्प के तहत 14 पैरामीटर तय किए गए थे। इन पैरामीटर के अंतर्गत पानी की सुविधाओं के साथ-साथ शौचालय श्यामपट्ट रनिग वाटर सुसज्जित रसोईघर विद्युत कनेक्शन तथा उपकरण आदि बिदु शामिल थे। पिछले साल काम तो हुए, लेकिन प्रधानी के चुनाव के कारण प्रधानों ने स्कूलों में काम रोककर अपने मतदाताओं को लुभाने के लिए विकास कार्यों पर ज्यादा जोर दिया।

उधर अप्रैल के बाद ग्राम पंचायतों में नए प्रधान निर्वाचित हुए और प्रशासन ने फिर से स्कूलों के कायाकल्प के लिए जुलाई माह में ही कार्य योजना तैयार कर कार्यों को गति देने के निर्देश दिए। इस बार आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत 19 पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं। लगातार समीक्षा तथा आपरेशन कायाकल्प के निर्धारित पैरामीटर्स पूरे करने के लिए निर्देश के बावजूद जिले में प्रधानों की कारगुजारी से यह आपरेशन कायाकल्प फिर अटकता नजर आ रहा है। जहां पिछले ही महीने कायाकल्प के कार्य शुरू हो जाने थे। वहां स्थिति यह है कि अभी तक 379 स्कूलों में ही कार्य शुरू होने की रिपोर्ट दी गई है। शिक्षकों पर प्रधानों से सामान लेकर पैरामीटर पूरे कराने पर जोर है और उधर प्रधान निष्क्रिय बने हुए हैं। यही हाल रहा तो इस साल भी स्कूलों में सभी पैरामीटर पूरे हो पाना मुश्किल है। स्कूलों से हर महीने आपरेशन कायाकल्प की रिपोर्ट ली जा रही है फिर भी प्रधान गुमराह कर रहे हैं। सबसे खराब स्थिति जैथरा विकासखंड की है। वहीं नगर क्षेत्र भी पिछड़ा है। कायाकल्प के मामले में मारहरा विकासखंड सबसे आगे है। समन्वय के लिए कायाकल्प सेल बनाई:

प्रधानों की निष्क्रियता के मध्य बेसिक शिक्षा विभाग ने आपरेशन कायाकल्प सेल बनाकर कार्यों की निगरानी तेज की है। मुख्यालय पर डा. देवेश द्विवेदी को प्रभारी बनाते हुए स्कूल प्रधानाध्यापक और प्रधानों के सामंजस्य तथा कायाकल्प की स्थिति को लेकर प्रशासन को अद्यतन वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा रहा है। --------

परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ग्राम पंचायतों को स्कूलों की जरूरत के अनुरूप कार्य योजना बनाने तथा कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं। निष्क्रिय प्रधानों को चिहित किया जा रहा है और जल्दी ही सभी स्कूलों में कार्य शुरू कराया जाएगा।

डा. अरविद बाजपेई, सीडीओ एटा यह है स्कूलों में कायाकल्प कार्य की स्थिति

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विकासखंड-कुल स्कूल-कार्य प्रारंभ-वंचित स्कूल

अलीगंज-276-65-211

अवागढ़-175-18-157

सकीट-228-28-200

मारहरा-145-91-54

निधौलीकलां-222-66-156

शीतलपुर-209-67-142

जलेसर-177-27-150

जैथरा-233-16-217

नगर क्षेत्र-26-01-25


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