हाल-ए-आयुष्मान भारत: पात्रता सूची से बाहर गरीब परिवार
कनेसर मालियान में प्रधानमंत्री के संदेश वाले लिफाफे आज तक किसी भी लाभार्थी को प्राप्त नहीं हुए
केस 1: कस्बा निवासी कुलदीप कुमार मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। जब स्वयं या कोई स्वजन बीमार होता है तो इलाज कराने में खासी मशक्कत उठानी पड़ती है। मुफ्त इलाज की सख्त जरूरत है, लेकिन इनका नाम आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों में शामिल नहीं है।
केस 2: कस्बा के बृजेश अवस्थी की भी आय का जरिया मजदूरी ही है। हृदय संबंधी समस्या है, काफी महंगा होने के कारण इलाज नहीं करा पा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना में नाम शामिल करने के लिए अफसरों के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन कहीं से मदद का आश्वासन तक नहीं मिला। संवाद सूत्र, राजा का रामपुर: एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवार ऐसे हैं जो जरूरत होते हुए भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत की पात्रता सूची में शामिल नहीं किए गए हैं। ये लोग ब्लाक से लेकर जिला मुख्यालय तक अफसरों के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। कुछ परिवार ऐसे भी हैं, जिनका नाम सूची में होने के बावजूद उन्हें विभाग से पत्र न मिलने के कारण गोल्डन कार्ड नहीं बन सका है।
कस्बा में 11 वार्डों के अंतर्गत 18 मुहल्ले हैं। जिनमें से कनेसर, मालियान में प्रधानमंत्री के संदेश वाले लिफाफे आज तक किसी भी लाभार्थी को प्राप्त नहीं हुए। लाभार्थी भी कुल आठ दर्शाए गए हैं। गढ़ी रानी साहिबा में एक भी नाम नहीं है। जबकि इन मुहल्लों में तमाम ऐसे परिवार हैं, जिन्हें गरीबी रेखा के नीचे कहा जा सकता है और इनके नाम सूची में शामिल होने चाहिए। विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि जिन लोगों के नाम 2011 की सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना में थे, उन्हें ही पात्रता सूची में स्थान दिया गया है, लेकिन सवाल यह भी है कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए दोबारा कराए गए सर्वे में आखिर इतनी बड़ी संख्या में गरीब कैसे छूट गए। सीएमओ डा. अरविद कुमार गर्ग ने बताया कि जिन लोगों के नाम पात्रता सूची में हैं, उनके गोल्डन कार्ड हर हाल में बनवाए जाएंगे। इसके लिए समय-समय पर अभियान भी चलाए जा रहे हैं।