काले कानून वापस लेकर स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करे सरकार
कासगंज रोड पर किसानों ने किया चक्का जाम प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन
जासं, एटा: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस कराने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने के लिए शनिवार को राजनीतिक पार्टियां भी किसानों के समर्थन में उतर आई। संयुक्त किसान मोर्चा व अखिल भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व किसानों ने एटा कासगंज मार्ग पर चक्का जाम कर दिया।अधिकारियों को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
एटा कासगंज मार्ग स्थित नगला ख्याली गांव पर आयोजित हुए सांकेतिक धरना प्रदर्शन व चक्का जाम में कांग्रेस के संयुक्त किसान मोर्चा के साथ यूनियन के पदाधिकारियों ने किसानों को कानूनों की खामियां बताई। उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा बनाए कानूनों से किसानों को नहीं बल्कि बड़े-बड़े उद्योगपतियों को लाभ होगा। अगर सरकार किसानों को लाभ पहुंचाना चाहती है तो उसे नए कृषि कानून रद्द करके किसानों की खरीद पर एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करनी चाहिए। धरने का नेतृत्व सुरेंद्र शास्त्री राष्ट्रीय महासचिव, ठाकुर अनिल सोलंकी राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक यादव द्वारा करते हुए मौके पर आए तहसीलदार सीपी सिंह को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। राजीव सोलंकी प्रदेश उपाध्यक्ष, आशुतोष यादव ,बबलू नागर,रामखिलाड़ी यादव, डा. सुरेंद्र सविता स्वेरी, गंगा सहाय लोधी , विनीत परासर वाल्मीकि, गगन सविता, संतोष उपाध्याय, अरुण गांधी, रामस्वरूप मुखिया, विजय यादव, देवर्त यादव,अतुल सिंह,ग्रीश कुमार, पुष्पेंद्र यादव, करन कुमार, लख्मीचंद, अरविद यादव आदि शामिल थे। वहीं शहर के गांधी मार्केट में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष शराफत हुसैन काले ने अपने समर्थकों के साथ कृषि कानूनों को वापस कराने के लिए एसडीएम अबुल कलाम को ज्ञापन सौंपा। उत्तर प्रदेश किसान सभा के पदाधिकारी ज्ञान सिंह बघेल व राजाराम यादव आदि ने ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में झूठे फंसाए किसानों को रिहा कराने को डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। वहीं भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीयतावादी के प्रदेश महासचिव ओमप्रकाश, जिलाध्यक्ष जुगेश कुमार आदि ने भी जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। जलेसर में कोसमा पर धरना दिया गया। राष्ट्रीय संयोजक संजीव प्रधान, प्रदेश अध्यक्ष रामकिशन यादव, दौजीराम, अजय कुमार, गिर्राज किशोर शर्मा, धर्मेंद्र कुशवाह, राजपाल यादव, रामकेश यादव, राजेश शर्मा, प्रेमपाल यादव, गीतम सिंह सविता व जगदीश सविता सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कुछ किसान यह भी बोले:
नए कृषि कानून से हमें कोई नुकसान नहीं है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का प्रावधान भी बरकरार रहेगा। किसानों को फसल बेचने की स्वतंत्रता दी गई। अब हम किसी भी प्रदेश में अपनी फसल बेच सकते हैं। किसान आंदोलन का हम विरोध करते हैं। ऐसे में आंदोलन में जाने की बात व्यर्थ है।
संतोष कुमार सुल्तानपुर, एटा सीमा पर किसान आंदोलन के नाम पर राजनीति की जा रही है। विपक्षी दल किसानों को भ्रमित कर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी नए कृषि कानूनों के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने के अपने संकल्प को पूरा कर रहे हैं। हमें उनपर और उनकी नीतियों पर पूरा भरोसा है।
निर्मेश कुमार, ग्राम नगरिया ताड़, मारहरा एटा