जैरियाट्रिक वार्ड को हरी झंडी का इंतजार
बुजुर्गों के लिए बनाया है 10 बेड का विशेष वार्ड संचालन को शासन से नहीं मिल रहे चिकित्सक-कर्मचारी
केस 1: 80 वर्षीय सुशीला देवी करीब चार किमी दूर गांव अम्बारी से पैरों में सूजन की दवा लेने जिला अस्पताल पहुंचीं। जहां कतारें देखकर दंग रह गई। इतनी देर खड़ी होने में असमर्थ सुशीला लौट गईं।
केस 2: गांव चमकरी से पहुंची करीब 70 वर्षीय कृष्णा देवी की रीढ़ में असहनीय दर्द था। कतार में खड़े होने की स्थिति में नहीं थीं। भीड़ कम होने का इंतजार करती रहीं, लेकिन भीड़ कम नहीं हुई और उनका नंबर नहीं आ सका। जासं, एटा: यह बानगी तो बस दो मरीजों की है, जिला अस्पताल में न जाने कितने बुजुर्ग हर रोज इस तरह की समस्या से जूझते हैं। कई लोग बैरंग लौटने को मजबूर होते हैं तो कुछ लोग यहां आना ही नहीं चाहते। उनको इस समस्या से बचाने के लिए जिला अस्पताल में विशेष वार्ड बनाया गया, लेकिन इसका संचालन आठ महीने बाद भी नहीं हो सका है।
नेशनल प्रोग्राम फार हेल्थ केयर आफ एल्डरली के तहत अस्पताल परिसर के नेत्र रोग विभाग में 10 बेड के जैरियाट्रिक वार्ड की स्थापना की गई है। इसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के रोगियों को अलग से बाह्य रोगी विभाग की सेवाएं दी जाएंगी। अधिक बीमार रोगियों को भर्ती किया जाएगा। यहां पैथोलाजी लैब, वेंटीलेटर, कार्डियक मानीटर आदि की भी सुविधा होगी, ताकि बुजुर्गों को भागदौड़ न करनी पड़े। सभी व्यवस्थाएं जुटा ली गई हैं, लेकिन मानव संसाधन पर आकर बात अटकी हुई है। दो फिजीशियन चिकित्सक, एक फिजियोथेरेपिस्ट, छह स्टाफ नर्स, दो वार्ड ब्वाय, दो स्वीपर, एक लैब तकनीशियन की तैनाती का इंतजार है।
जिला अस्पताल में ही जैरियाट्रिक वार्ड की स्थापना कर दी गई है। शासन से चिकित्सक और कर्मचारी उपलब्ध होते ही इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा। वृद्ध रोगियों को काफी सुविधा मिलेगी।
- डॉ. आरएन गुप्ता, नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ।