लालच के लिए जिंदा-मुर्दा का खेला खेल
स्वजन ने जायदाद हड़पने को बता दिया मृत बाद में हादसे में हुई मृत्यु जांच के घेरे में तहसीलकर्मी
एटा, जासं। क्या कोई शख्स दो बार मर सकता है? मगर, यह संभव हुआ है कागजों पर। अलीगंज तहसील क्षेत्र में एक जिंदा युवक को स्वजन ने जायदाद हड़पने को मृत दर्शा दिया। इसके कुछ दिनों बाद उसकी वास्तव में मृत्यु हो गई, लेकिन एक स्वजन ने उसको जीवित बता किसान सम्मान निधि के लिए आवेदन कर दिया। जांच में गड़बड़ी पकड़ी गई है। स्वजन के साथ तहसील कर्मचारी भी जांच के घेरे में हैं।
अलीगंज तहसील क्षेत्र के गांव कुड़ा के रहने वाला आशीष (24) अविवाहित था। स्वजन ने 10 मार्च, 2020 को उसे मृत बता दिया और उसके हिस्से की संपत्ति अभिलेखों में अपने नाम करा ली। 24 मई को कासगंज जिले के सिढ़पुरा क्षेत्र में एक सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई। शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया था। तब तक आशीष की झूठी मौत वाला मामला पूरी तरह छिपा हुआ था। उसकी मौत के बाद परिवार के ही एक अन्य हिस्सेदार ने आशीष के नाम से किसान सम्मान निधि को आवेदन कर दिया। इस सदस्य को आशीष की मौत अभिलेखों में दर्ज होने की जानकारी नहीं थी। आवेदन आने पर तहसील में आशीष के हिस्से की जमीन की पड़ताल की गई तो पता लगा कि उनकी मृत्यु पूर्व में हो चुकी है। जांच में पता चला कि अभिलेख में दर्ज मौत ही झूठी थी। उसकी मौत तो बाद में हुई थी। मामला साफ होने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
' किसान सम्मान निधि के लिए एक फाइल आई थी। इसकी जांच में गलत ढंग से मृत्यु दर्ज किए जाने की बात सामने आई है। स्वजन और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी।'
- राजीव पांडेय, एसडीएम