Move to Jagran APP

जैथरा के तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ फर्जीवाड़े की एफआइआर

एसओ ने बदल दिया था दुर्घटना में शामिल ट्रैक्टर वर्ष 2016 के मामले में अब हुई कार्रवाई

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 05:04 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 05:04 AM (IST)
जैथरा के तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ फर्जीवाड़े की एफआइआर
जैथरा के तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ फर्जीवाड़े की एफआइआर

जासं, एटा : जैथरा के तत्कालीन थाना प्रभारी कैलाशचंद्र दुबे के खिलाफ फर्जीवाड़े की एफआइआर दर्ज कराई गई है। यह रिपोर्ट इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच ने दर्ज कराई। थाना प्रभारी ने दुर्घटना में शामिल एक ट्रैक्टर को बदल दिया था। मामले की कई स्तर से जांच हुई, इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है।

loksabha election banner

मामला 19 फरवरी 2016 का है, जब जैथरा क्षेत्र के गांव नगला कड्डी निवासी दिनेश कुमार की बेटी प्रियंका की ट्रैक्टर की टक्कर से मौत हो गई थी। पुलिस ने घटना स्थल से ट्रैक्टर बरामद कर नगला कंचन निवासी शीलेंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी, लेकिन 40 दिन बाद आरोपित से मिलीभगत कर 31 मार्च 2016 को फर्जी कूटरचित प्रार्थना पत्र के आधार पर घटना में शामिल ट्रैक्टर को बदलकर आरोपित के रिश्तेदार का ट्रैक्टर दिखा दिया। इस फर्जीवाड़े की शिकायत पीड़ित ने तत्कालीन एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज से की थी। उन्होंने सीओ अलीगंज अजय भदौरिया से जांच कराई। उन्होंने आरोपों की पुष्टि करते हुए 17 जून 2017 को एसएसपी को जांच रिपोर्ट भेज दी, मगर एसएसपी का तब तक तबादला हो गया और एफआइआर दर्ज नहीं हो पाई। इसके बाद पीड़ित हाईकोर्ट चला गया, हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए।

इस बीच सीओ ने लिखित पत्र भेजकर तत्कालीन एएसपी क्राइम ओमप्रकाश सिंह से एसओ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की अनुमति मांगी, परंतु एएसपी ने न अनुमति दी और न पत्र से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। इस पर अपर पुलिस महानिदेशक के यहां शिकायत की गई और मामले की जांच आईजी को सौंपी गई। आईजी ने तत्कालीन एसएसपी सुनील कुमार सिंह को जांच दी। एसएसपी की जांच रिपोर्ट पर आपत्ति लगाते हुए फिर डीजीपी से शिकायत की गई। इसके बाद विभिन्न स्तरों से जांच चलती रही और अंतत: अब एसएसपी उदयशंकर सिंह ने एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए, जिस पर इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच नरेश सिंह ने फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है उनमें तीन और सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इंस्पेक्टर कैलाश चंद्र दुबे लखनऊ में तैनात हैं। 9 सितंबर 2021 को कानपुर से लखनऊ के लिए तबादला हुआ था। अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय कुशवाह ने बताया कि एफआइआर दर्ज हो चुकी है, विवेचना में जो तथ्य होंगे सामने लाए जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.