कीटों के प्रभाव से फसल बचाने को किसान किए जाएंगे जागरूक
शासन के आदेश पर जिला उद्यान विभाग ने कवायद शुरू की विशेषज्ञ देंगे किसानों को जानकारी
जासं, एटा: जिले में गुणवत्तायुक्त शाकभाजी उत्पादन करने को लेकर जिला उद्यान विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। सब्जियों पर लगने वाले कीटों से बचाव के लिए किसानों को जागरूक करने की तैयारी शुरू की गई है। किसानों को अलग-अलग तरह के कीट और उनसे फसल को बचाने के लिए विशेषज्ञों की तरफ से जागरूक किया जाएगा।
बारिश के बाद तना एवं फलभेदक कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है। इसके कारण बैंगन, भिडी, कद्दू, लौकी, तोरई, करेला, टिडा, खीरा आदि की फसल खराब होने की अधिक संभावना रहती है। कीट सब्जियों के तना और फलों में घुसकर पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। इस कारण फसल की पैदावार भी घट जाती है। किसानों को घाटा उठाना पड़ता है। किसानों की आय कम न हो सके इसके लिए प्रदेश सरकार ने जिला उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को जागरूक करने का आदेश जारी किया है। उसी को लेकर उद्यान विभाग के अधिकारियों ने किसानों को जागरूक करने के लिए काम शुरू किया है। जानकार लोग किसानों को बताएंगे कि उन्हें फसल को कीटों से बचाने के लिए ट्राईकोग्रामा सहित अन्य दवाओं का किस तरह से प्रयोग करना चाहिए। साथ ही बताया जाएगा कि कीटों का प्रभाव मालूम होने पर सूखे हुए तना और फल को जमीन के अंदर दबा देना चाहिए। इससे अन्य पौधे और फल प्रभावित होने से बच सकें।
वहीं रवीन्द्र कुमार नर्सरी प्रभारी ने बताया कि कीट पत्तियों का रस पीकर पौधे को कमजोर कर देते हैं। इससे बचाव के लिए किसानों को विभागीय अधिकारियों से जानकारी अवश्य प्राप्त करना चाहिए।