सप्ताह में तीन दिन बंदी फोन पर कर सकेगें अपनों से बात
मुलाकात पर प्रतिबंध होने के कारण जेल में शुरू हुई व्यवस्था कोरोना संक्रमण के कारण बंदियों से मिलने पर लगी है रोक
एटा: जिला कारागार में निरूद्ध बंदी अब सप्ताह में तीन दिन पीसीओ के माध्यम से अपनों का हालचाल जान सकेंगे। जेल प्रशासन ने यह व्यवस्था बंदियों के लिए निश्शुल्क चालू की है। पीसीओ से बात करने का समय बंदियों के लिए निर्धारित किया गया है।
कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए जेल में निरूद्ध बंदियों से परिजनों की मुलाकात रोक दी गई है। ऐसे में बंदी और परिजन मुलाकात न होने पर परेशान हो रहे हैं। उसी परेशानी को कुछ हद तक दूर करने के लिए जेल प्रशासन ने बंदियों के लिए पीसीओ की व्यवस्था शुरू की है। सात दिन में तीन दिन बंदी अपनों का फोन करके निश्शुल्क हालचाल जान सकेंगे। यह सुविधा चालू होने के बाद बंदी खुश दिखाई दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल से पहले पीसीओ से बात करने वाले बंदियों से शुल्क लिया जाता था। वहीं जेल अधीक्षक पीपीसिंह ने कहा कि पीसीओ पर बात करने का एक बंदी के लिए पांच मिनट तक का समय निर्धारित किया है। सभी बंदियों को रुटीन में बात कराने के लिए रोस्टर भी बनाया गया है। परिजनों के मोबाइल नंबरों का सत्यापन कराने के बाद बंदियों की फोन पर बात कराई जा रही है। वर्तमान समय में जिला कारागार में 1155 बंदी निरूद्ध हैं। जिसमें से 64 महिला बंदी भी शामिल हैं। बंदियों से मिलाई की प्रक्रिया शुरू हो: लॉकडाउन के समय से बंद चल रही बंदियों से मिलाई की प्रक्रिया के चलते कारागार में निरुद्ध बंदीजन व उनके परिजन काफी परेशान है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह जिस तरह के प्रक्रिया को अनलाक किया जा रहा है। उसी प्रकार से बंदियों की मिलाई प्रक्रिया को शुरू किया जाए यह कहना है सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप रघुनंदन का। उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर प्रक्रिया शुरू कराने की मांग की।