तकनीकी जांच से दूर 475 दवा कारोबारी
एटा, जासं। दवा व्यवसाय में गड़बड़झाले पर लगाम कसने के लिए सरकार ने सभी विक्रेताओं के लाइसेंस का ब्यौरा ऑनलाइन करने के निर्देश धराशायी नजर आ रहे हैं। लेकिन जिले के 475 दवा कारोबारियों ने अभी तक विवरण दर्ज नहीं कराया है। जिसके चलते विभाग उनकी तकनीकी व्यवस्था से जांच नहीं कर पा रहा है।
एटा, जासं। दवा व्यवसाय में गड़बड़झाले पर लगाम कसने के लिए सरकार ने सभी विक्रेताओं के लाइसेंस का ब्यौरा ऑनलाइन करने के निर्देश धराशायी नजर आ रहे हैं। लेकिन जिले के 475 दवा कारोबारियों ने अभी तक विवरण दर्ज नहीं कराया है। जिसके चलते विभाग उनकी तकनीकी व्यवस्था से जांच नहीं कर पा रहा है।
पिछले वर्ष शासन ने दवा लाइसेंसों के डिजिटाइजेशन की योजना तैयार की। विक्रेताओं को विभाग के पोर्टल पर खुद ही यह काम कराना था। इसके लिए अगस्त तक का समय दिया गया। लेकिन तमाम व्यापारी लाइसेंस को ऑनलाइन नहीं करा सके तो नवंबर तक समय बढ़ा दिया गया। सख्त निर्देश भी थे कि डिजिटाइजेशन न कराने वालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। इसे लेकर दवा व्यापारियों में हड़कंप की स्थिति थी। हालांकि उनके विरोध पर शासन ने समय और बढ़ा दिया है, इस बार आखिरी तारीख भी तय नहीं की गई। जिसके चलते दवा व्यापारी नि¨श्चत हैं। कई दुकानों पर लटक सकती है तलवार
डिजिटाइजेशन व्यवस्था पूरी तरह लागू होने पर कई दुकानों पर तलवार लटक सकती है। दरअसल, ऑफलाइन व्यवस्था में एक-एक फार्मासिस्ट का विवरण कई लाइसेंस पर दर्ज हो जाता था। अब आधार से लिंकेज कर एक ही लाइसेंस में ब्यौरा दिया जा सकेगा। एक से अधिक विवरण मिलते ही पकड़ में आ जाएगा। नए लाइसेंस की व्यवस्था आनलाइन
इस बीच नए लाइसेंसों की व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन की जा चुकी है। इसके लिए आवेदन ऑनलाइन होता है। सारे दस्तावेज भी पोर्टल पर ही अपलोड करने होते हैं। आवेदन पर विभाग की ओर से ऑनलाइन स्वीकृति मिलती है और ऑनलाइन लाइसेंस जारी हो जाता है। यह है स्थिति
1020 दवा दुकानों के लाइसेंस
509 थोक व्यवसायी
511 फुटकर विक्रेता
545 लाइसेंस आनलाइन वर्जन
सभी दवा व्यवसायियों को लाइसेंस का ऑनलाइन पंजीकरण कराना जरूरी है। आखिरी तारीख तय न होने के कारण अभी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
- दीपक कुमार, औषधि निरीक्षक