दफ्तरों पर छापे, सौ से अधिक मिले नदारद
एटा जासं। अफसर-कर्मचारियों की समय से उपलब्धता परखने के लिए बुधवार को डीएम सहित सात आला अधिकारियों ने जिलास्तरीय दफ्तरों पर सुबह 10 बजे छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अधिकांश दफ्तरों में इक्का-दुक्का लोग ही मिले। सौ से अधिक अधिकारी-कर्मचारी नदारद थे। इन सभी को नोटिस जारी किए गए।
एटा, जासं। अफसर-कर्मचारियों की समय से उपलब्धता परखने के लिए बुधवार को डीएम सहित सात आला अधिकारियों ने जिलास्तरीय दफ्तरों पर सुबह 10 बजे छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अधिकांश दफ्तरों में इक्का-दुक्का लोग ही मिले। सौ से अधिक अधिकारी-कर्मचारी नदारद थे। इन सभी को नोटिस जारी किए गए।
अधिकारियों के सुबह 9 बजे और कर्मचारियों के लिए सुबह 10 बजे दफ्तर में हाजिर होने का समय निर्धारित है। लेकिन अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी समय की यह पाबंदी मानने को तैयार नहीं। इसे लेकर अक्सर शिकायतें भी आती रहती हैं। हकीकत परखने को डीएम सुखलाल ने बुधवार को औचक निरीक्षणों का प्लान तैयार किया, जिसके तहत वे खुद विकास भवन और मंडी समिति के निकट स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे। केंद्र के चिकित्सक और विकास भवन में कुछ अधिकारियों के साथ ही दो दर्जन कर्मचारी गैरहाजिर मिले। इस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। कुछ कर्मचारी बाद में पहुंच रहे थे, उन्हें भी फटकार लगाई। इसके अलावा सीडीओ मदन वर्मा, एडीएम केपी सिंह और केशव कुमार, एएसडीएम अबुल कलाम, डीआइओएस एमपी सिंह, बीएसए संजय कुमार शुक्ल ने भी विभिन्न दफ्तरों का निरीक्षण कर अधिकारी-कर्मचारियों की हाजिरी देखी। उन्हें भी छह दर्जन से अधिक लोग समय से कार्यालयों में उपस्थित नहीं मिले। डीएम ने सभी अधिकारियों को हिदायत जारी करते हुए कहा कि सुबह 9 से 11 बजे तक बैठकर जनता की समस्याएं सुनकर निस्तारण कराएं। फरियादियों को बार-बार चक्कर न काटने पड़ें। ट्रांजिट हॉस्टल की गुणवत्ता मिली खराब
विकास भवन के निरीक्षण के दौरान डीएम ने निर्माणाधीन ट्रांजिट हॉस्टल का भी जायजा लिया। उन्हें कार्य की गुणवत्ता सही नहीं मिली। निर्देश दिए कि उच्च गुणवत्ता के सामान के साथ मानकों के अनुरूप कार्य कराते हुए समय से इसका निर्माण पूरा कराया जाए। बीएसए दफ्तर में मिला गोलमाल
बीएसए दफ्तर में निरीक्षण को पहुंचे एडीएम वित्त एवं राजस्व को वहां गोलमाल नजर आया। उपस्थिति रजिस्टर में लिपिक पंकज कुमार जैन के 25 जुलाई तक के हस्ताक्षर दर्ज थे। कुछ कर्मचारी हस्ताक्षर करने के बाद कार्यालय से गायब हो गए।