चिकित्सक नदारद, कौन दूर करेगा मरीजों का दर्द
शनिवार को 1204 मरीजों पहुंचे सिर्फ चार चिकित्सकों के हवाले रही ओपीडी
जासं, एटा: जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं हावी हैं। शनिवार को जागरण टीम ने पड़ताल की तो 19 में से कुल सात चिकित्सक ही अस्पताल में नजर आए। इसमें चार चिकित्सक ओपीडी में तैनात थे। तमाम मरीज वरिष्ठ चिकित्सकों की गैरहाजिरी से परेशान थे।
जिला अस्पताल की ओपीडी का समय सुबह आठ बजे से है। यहां सबसे पहले बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष में संविदा चिकित्सक डा. वैभव गुप्ता पहुंचे। इसके कुछ समय बाद नियमित अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. आरएन जिदल भी आ गए। बाद में संविदा पर तैनात दो चिकित्सक आकर आए। इनके अलावा अन्य कोई डाक्टर ओपीडी में दोपहर तक नहीं आया। अस्पताल में 14 नियमित, एक संबद्ध और चार संविदा चिकित्सक तैनात हैं। शनिवार को ओपीडी में तीन संविदा और एक नियमित चिकित्सक के अलावा इमरजेंसी, रेडियोलाजी में एक-एक चिकित्सक तथा सीएमएस अपनी सीटों पर थे। कई मरीज ऐसे थे, जो वरिष्ठ चिकित्सकों से इलाज कराना चाहते थे, लेकिन उनकी तलाश पूरी न हुई। पूरे दिन में 1004 नए परचे बने, जबकि 200 से अधिक मरीज पुराने परचे भी लेकर आए। सबसे अधिक त्वचा संबंधी बीमारियों के थे, लेकिन इस मर्ज की अधिकांश दवाएं बाहर की लिखी जा रही थीं।
आंख में धुंधलापन की दवा लेने आए। भीड़ अधिक होने के कारण दो घंटे कतार में लगना पड़ा। लिखी दवाओं में गोलियां तो मिल गईं, ट्यूब नहीं मिला।
- जलील अहमद, मारहरा दरवाजा पत्नी और बच्चे की दवा लेने आए। कोई वरिष्ठ चिकित्सक नहीं थे। वहीं चर्म रोग में बुखार की दवा लिख दी। पत्नी को लिखी एक दवा अस्पताल में नहीं मिली।
- अनुवीर सिंह, कवार खुजली की दवा लेने अस्पताल आए हैं। काफी देर धक्के खाने के बाद नंबर आया। डाक्टर ने कुछ दवाएं अस्पताल के अंदर तो कुछ बाहर की लिख दी हैं।
- रईशा बेगम, पटियाली गेट दांत में तकलीफ का इलाज कराना है, यहां चिकित्सक ही नहीं मिले। उनके आने का कोई समय भी नहीं बताया गया। निजी चिकित्सक को ही दिखाना पड़ेगा।
- रुचि पाठक, जैन मंदिर वाली गली
शनिवार को कोई चिकित्सक अवकाश या न्यायालय साक्ष्य में नहीं था। जो लोग ओपीडी में नहीं थे, वो अन्य ड्यूटी में लगे हुए थे। दो चिकित्सक लंबे समय से अनुपस्थित हैं। अस्पताल में सभी तरह की दवाएं उपलब्ध हैं।
- डा. राजेश अग्रवाल, सीएमएस