चिकित्सक मिल नहीं रहे, परेशान हो रहे मरीज
अधिकांश ने ओपीडी में बैठना किया बंद संविदा पर तैनात चिकित्सक के सहारे व्यवस्थाएं
एटा, जासं। संक्रामक रोगों के चलते जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है, लेकिन अधिकांश नियमित चिकित्सकों ने ओपीडी में बैठना बंद कर दिया है। एक-दो संविदा चिकित्सकों के सहारे ओपीडी चलाई जा रही है। सवाल यह है कि ऐसे में मरीजों का क्या सही तरीके से इलाज हो पा रहा होगा।
इस समय वायरल के अलावा मलेरिया, त्वचा संक्रमण आदि के मरीजों की भरमार है। गरीब और मध्यम वर्गीय लोग मुफ्त और सस्ते इलाज की आस लिए जिला अस्पताल पहुंचते हैं। इसके विपरीत यहां चिकित्सा सेवाएं पटरी से उतरी हुई हैं। बुधवार को जागरण टीम ने जिला अस्पताल की ओपीडी का हाल देखा। यहां पंजीकरण कराने के लिए महिला-पुरुषों की कतार लगी हुई थी। एनसीडी कक्ष में ब्लड प्रेशर और सुगर जांच के लिए कर्मचारी बैठे थे, लेकिन फिजीशियन कक्ष बंद था। सर्जिकल विभाग में एक प्रशिक्षु दवा लिख रहा था। बाल रोग विभाग में संविदा पर तैनात चिकित्सक बच्चों का परीक्षण कर रहे थे। अस्थि रोग और नेत्र रोग विभाग में ही दो नियमित चिकित्सक बैठे थे। अस्पताल रिकॉर्ड के मुताबिक आठ नियमित चिकित्सक ड्यूटी पर थे, लेकिन मौके पर कोई नहीं था। मरीज परेशान थे। खासतौर से खांसी, बुखार, एलर्जी वाले रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एक चिकित्सक कोरोना संक्रमित चल रहे हैं, जबकि दो अवकाश पर हैं। शेष चिकित्सक ड्यूटी पर हैं। मैं भी अपने कक्ष में मरीजों को दवा लिख रहा हूं।
- डॉ. राजेश अग्रवाल, सीएमएस