हुरियारों को सताएगी सीवर के लिए हुई खोदाई
मुहल्लों के मार्ग खोदाई के चलते क्षतिग्रस्त बने हुए हैं
एटा, जासं। हाथों में ढोलक संग होली के फाग गाती हुरियारों की टोलियां हों या घर-घर बजते डीजे पर होली के गीत, जिस पर झूमती युवाओं की टोलियों को सीवर से खोदी गई गलियां और क्षतिग्रस्त मार्ग इस बार खूब सताएंगे। सुरा का सुरूर रहा तो कई फिसलकर गिर जाएंगे। ऐसे में कुछ चुटैल भी होंगे।
होली पर गली मुहल्लों में डीजे पर गूंजते होली के गीत युवाओं को थिरकने पर विवश कर देते हैं। इस दौरान उन्हें इतना भी अहसास नहीं रहता कि मार्ग खस्ता हाल है। यूं भी सीवर की पाइप लाइन बिछाए जाने के लिए शहर के अधिकांश मुहल्लों के मार्ग खोदाई के चलते क्षतिग्रस्त बने हुए हैं। खोदाई से निकली मिट्टी यूं भी लोगों के निकास में बाधा बनी हुई है। फैली मिट्टी और नालियों की सिल्ट को साफ कराने की आज तक पहल नहीं हो सकी। ऐसे में होली के दिन मंगलवार को जब हुरियारों की टोलियां नाचती गातीं इन मार्गाें से गुजरेंगी तो जाहिर है कि कइयों को दिक्कतें होंगी। इसलिए एतिहात बरतें। - इस बार होली पर बच्चे भी निराश हैं। इसकी वजह शहर के वे स्थान हैं, जहां सीवर लाइन बिछाए जाने को खोदाई कराई गई, मगर मार्ग को आवागमन के उपयुक्त नहीं बनाया जा सका।
मुनेंद्र सिंह चौहान - शांतीनगर में जलनिगम ने होली के त्योहार की रंगत बिगाड़ दी है। यूं तो सीवर की पाइप लाइनें बिछाई जा चुकीं हैं, मगर इसके उपरांत भी मार्ग को समतलीकरण कर अनुकूल नहीं बनाया गया।
राहुल पांडेय - कई मुहल्लों के बच्चे जो बोर्ड परीक्षाएं दे रहे हैं, उन्हे कोचिग के लिए शांतीनगर आना पड़ता है। जलनिगम कर्मियों ने बच्चों की इस परेशानी का भी ख्याल नहीं रखा। जिससे निकास बाधित है।
यूपी सिंह - युवाओं को चाहिए कि इस बार वे होली तो खेलें मगर संभल कर, सड़कें हों या गली मार्ग सभी सीवर की खोदाई के चलते मिटटी से सराबोर हैं, इन मार्गों पर फिसलन होली की उमंगों पर पानी फेर सकती है।
नवीन चौहान