आलू खोदाई के बाद बढ़ी किसानों की खाद केंद्रों पर भीड़
खाली खेत होने के कारण किसान जल्द गेहूं की फसल तैयार करने में जुटे खाद की चल रही किल्लत
जासं, एटा: दिसंबर शुरू होते ही किसानों ने आलू की खोदाई शुरू कर दी है। इसके बाद किसान उन्हीं खेतों में गेहूं की बोआई कर रहे हैं। इस कारण केंद्रों पर खाद के लिए भीड़ उमड़ रही है। सोमवार को मंडी समिति स्थित केंद्रीय उपभोक्ता भंडार पर महिला और पुरुषों की खाद के लिए कतार लगी हुई थी।
जिले में 25 से 30 फीसद तक अभी रबी फसल की बोआई शेष है। कुछ किसानों के खेतों में आलू की खोदाई भी हो चुकी है। बाजरा की फसल भी कट चुकी है। ऐसे में खाली खेत होने के कारण किसान उसमें जल्द गेहूं की फसल तैयार करने में जुट गए हैं। उसी को लेकर सोमवार को मंडी समिति स्थित खाद केंद्र पर महिला और पुरुषों की डीएपी के लिए लाइन लगी हुई थी। लाइन में खड़े किसानों ने बताया कि आलू की खोदाई के बाद रबी की फसल तैयार करेंगे। इससे आमदनी बढ़ सके। वहीं जिला कृषि अधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि जल्द ही जिले में खाद की रैक आने वाली है। किसान फसल में ज्यादा उर्वरक का प्रयोग न करें।
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देरी से खुल रहे खाद केंद्र:
शाम को खाद केंद्र अपने निर्धारित समय पर बंद हो रहे हैं, मगर सुबह को एक से डेढ़ घंटे देरी से खुल रहे हैं। सोमवार को मंडी समिति खाद केंद्र पर सुबह से ही किसानों की कतार लगी हुई थी, जबकि यह 11 बजे के बाद खुला। इसे लेकर किसानों को कतार में खड़े होकर लंबे समय तक परेशान होना पड़ा।
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लगेज वाले सामान में कमीशन का खेल:
डीएपी और यूरिया खाद के साथ किसानों को लगेज दिया जा रहा है। उसमें में भी कमीशन का खेल हो रहा है। बाजार में मिलने वाले ह्यूमिक रासायन के डिब्बे पर खाद केंद्र संचालक 50 रुपये अधिक वसूल रहे हैं। निजी दुकानों पर आधा किलो ह्यूमिक 150 रुपये का है। खाद केंद्रों पर आधा किलो ह्यूमिक रासायन किसानों को दो सौ रुपये में दिया जा रहा है।