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कोरोना टीकाकरण: एटा में 72.08 फीसद लोगों ने लगवाए टीके

आइएमए और नीमा के चिकित्सकों ने भी कराया टीकाकरण बुलाए गए 1967 चिह्नित लोगों में से 549 नहीं पहुंचे

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 06:42 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 06:42 AM (IST)
कोरोना टीकाकरण: एटा में 72.08 फीसद लोगों ने लगवाए टीके
कोरोना टीकाकरण: एटा में 72.08 फीसद लोगों ने लगवाए टीके

जासं, एटा: तमाम कोशिशों के बावजूद एंटी कोरोना टीकाकरण की स्थिति गुरुवार को भी बेहतर नहीं हुई। कुल 72.08 फीसद लोगों ने टीके लगवाए। बुलावे के बावजूद 549 लोग टीका लगवाने के लिए नहीं पहुंचे।

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स्वास्थ्य विभाग ने 10 अस्पतालों में 19 स्थानों पर टीकाकरण के लिए 1967 लोगों को मोबाइल काल और मैसेज के माध्यम से बुलाया था। इस दौरान 1426 लोगों ने विभिन्न अस्पतालों में पहुंचकर टीकाकरण कराया। आइएमए के जिलाध्यक्ष डा. स्वतंत्र शर्मा, जिला सचिव डा. आशुतोष गुप्ता, डा. वीके गुप्ता, डा. वीरेंद्र उपाध्याय, डा. लोकेंद्र राजपूत, डा. रूपा जैन, डा. ललित वाष्र्णेय, मुकुल नारायण जौहरी, नीमा के डा. एसएस तोमर, डा. एसएन सारस्वत, डा. विशाल गुप्ता आदि ने टीका लगवाकर अन्य लोगों का हौसला बढ़ाया।

डीएम सुखलाल भारती, एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने जिला अस्पताल और पीएचसी मिरहची पहुंचकर टीकाकरण कार्य का जायजा लिया। निर्देश दिए कि टीकाकरण स्थल पर आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्हें यह जानकारी दी जाए कि टीका दो बार लगाया जाएगा। दूसरा टीका लगवाने के लिए 28 दिन बाद फिर आना है। सीएमओ डा. अरविद कुमार गर्ग, सीएमएस डा. राजेश अग्रवाल, डीआइओ डा. राम सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहे। कोविड टीकाकरण में अव्यवस्थाओं पर हंगामा: अवागढ़ में कड़कड़ाती ठंड में सुबह नौ बजे ही काफी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा कर्मचारी इकट्ठे हो गए। लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते 11 बजे के बाद ही टीकाकरण शुरू हुआ। दो स्थलों पर 210 लोगों को टीके लगने थे। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से सूची से अलग कर्मचारियों को भी वाट्सएप ग्रुप पर सूचना देकर बुला लिया गया। जिस पर टीकाकरण परिसर में भीड़ तथा अव्यवस्था और बढ़ गई। भीड़ देख सूची से अलग कर्मचारियों को वापस जाने के लिए कहा गया। इस पर 20-25 किलोमीटर दूर से आईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने हंगामा कर दिया। पिलखतरा मकसूदपुर सिलामई मितरौल आदि क्षेत्रों से बुलाई गई कार्यकर्ता जमकर आक्रोश जताने के बाद ही वापस लौटीं। इतनी महिलाओं को बुलाने के बावजूद किसी महिला आरक्षी की ड्यूटी नहीं थी। यही नहीं, टीकाकरण करने वाले स्वास्थ्यकर्मी और खुद प्रभारी चिकित्साधिकारी तक मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करते नजर नहीं आए। प्रभारी सीडीपीओ मधु का कहना था कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने जो सूची भेजी वहीं ग्रुप पर डाली गई। वही प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. एसपी राठौर का कहना था कि अगले चरण में जिनका टीकाकरण होना था, उनकी सूची भी बाल विकास के ग्रुप पर डालने से समस्या हुई। डीएम को मिलीं अव्यवस्थाएं: मिरहची में निरीक्षण को पहुंचे डीएम को बूथ पर पर्याप्त रोशनी, सैनिटाइजर नहीं मिला। बुलाए गए लोगों को अपनी बारी का इंतजार करने के लिए कुर्सियां भी नहीं थीं। डीएम ने व्यवस्था सुधारने के निर्देश सीएमओ को दिए। निरीक्षण के दौरान डा. केके गुप्ता, जंगबहादुर, आरसी पचौरी, संजेश कुमार, मुकेश कुमार, वीरेंद्र वर्मा, अनुराधा, संतोष कुमार, कामना प्रवर आदि उपस्थित थे।


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