महिला सशक्तीकरण को स्कूलों में जुटेगा कारवां
जागरण संवाददाता, एटा: महिला सशक्तीकरण की दिशा में किए जा रहे सरकारी प्रयासों के साथ अब स्कूलों में ब
जागरण संवाददाता, एटा: महिला सशक्तीकरण की दिशा में किए जा रहे सरकारी प्रयासों के साथ अब स्कूलों में बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं का कारवां जुटेगा। स्कूलों में कौशल विकास तथा सशक्तीकरण से जुटी अन्य गतिविधियों को सक्रिय करने के लिए संदर्भदाता तैयार किए जा रहे हैं। यह संदर्भदाता शिक्षक-शिक्षिकाएं खुद प्रशिक्षित होकर बालिका सशक्तीकरण की कड़ी बनेंगे. इसी क्रम में डायट पर संदर्भदाताओं के द्वितीय फेरे का प्रशिक्षण शुरू हुआ है। जिले में 600 संदर्भदाता प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।
आयोजित प्रशिक्षक शिविर के शुभारंभ अवसर पर बीएसए एसके तिवारी ने कहा कि सरकार की मंशा बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए स्कूलों में ऐसे क्रिया कलापों को बढ़ावा देने की है, जिससे कि उनमें विभिन्न विधाओं का समावेश होने के साथ ऐसे कौशल विकसित किए जा सकें, जो उन बालिकाओं के खुद को कामयाबी की राह पर आगे बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा सामाजिक बुराइयों को दूर करने में सहयोगी बनें। उन्होंने संदर्भदाता शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण लेकर स्कूलों में उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्य करें।
जिला समन्वयक बालिका शिक्षा मदन राजपूत ने बताया कि हर जूनियर हाईस्कूल व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से एक-एक संदर्भदाता को प्रशिक्षित करने का प्रमुख उद्देश्य हर स्कूल में बालिका सशक्तीकरण को मजबूत करना है। इस योजना के अच्छे परिणाम सामने आएंगे। जिला समन्वयक प्रशिक्षण संजय मिश्रा ने कहा कि लक्ष्य के बारे में सभी को बताया गया है। प्रशिक्षण के सभी ¨बदुओं को स्कूलों में बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर अच्छे परिणाम दें।
इस दौरान प्रशिक्षक धीरजपाल ¨सह ने अभियान गीत प्रस्तुत कर बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में संदर्भदाताओं की अहम भूमिका पर प्रकाश डालते हुए व्यक्तित्व विकास पर चर्चा की। प्रशिक्षक शेर ¨सह शाक्य ने समय प्रबंधन, योगासन, स्काउट के बारे में बताया। प्रशिक्षिका ममता शर्मा, शिवानी, विक्रम ने हमारा परिवार, ¨लग भेद, हमारे मित्र, लक्ष्य निर्धारण, स्वच्छता प्राथमिक सहायता विषय वस्तु पर विचार रखे। इस मध्य प्रतिभागियों ने चार्ट के माध्यम से बाल विवाह व अन्य सामाजिक बुराइयों का प्रस्तुतीकरण किया। इस दौरान दुर्योधन वर्मा, माध्वी वाष्र्णेय, कमला देवी सहित तीन विकास खंडों के चयनित संदर्भदाता मौजूद थे।