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जनपद में सड़क हादसे वाले 21 ब्लैक स्पाट

जनपद में सड़क हादसों वाले 21 ब्लैक स्पाट चिन्हित हैं। इन स्थानों पर द

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 05:10 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 05:10 AM (IST)
जनपद में सड़क हादसे वाले 21 ब्लैक स्पाट

एटा, जागरण संवाददाता : जनपद में सड़क हादसों वाले 21 ब्लैक स्पाट चिन्हित हैं। इन स्थानों पर दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। इनमें से कई स्थानों पर पुलिस रहती है मगर फिर भी हादसे हो जाते हैं। शहर में चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं हैं। पुलिस हाथ के इशारों से ही ट्रैफिक नियंत्रित करती है।

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जिले में शहर को छोड़कर एक दर्जन स्थान हादसों के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं, जहां जरा सी लापरवाही या गलती जान जोखिम में डाल सकती है। कहीं रोड संकरी है तो कहीं ऐसे घुमाव हैं कि चालक वाहन का संतुलन खो बैठते हैं। पिछले तीन साल में इन स्थानों पर पुलिस की मानें तो कम से कम 300 से अधिक हादसे हो चुके हैं। इस आधार पर इन सभी स्थानों को ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हित किया गया है। हैरत की बात यह है कि ब्लैक स्पाट का चिन्हांकन करने के बावजूद यहां हादसे रोकने को कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।

शहर में पल-पल छूकर गुजरती है मौत

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जी हां, शहर से गुजरने वाले राजमार्गों का यही हाल है। नेशनल हाईवे जीटी रोड पर शहर के अंदर घुसते ही ओवरब्रिज, एटा क्लब, माया पैलेस चौराहा, रोडवेज बस स्टैंड, ठंडी सड़क तिराहा, बाबूगंज-घंटाघर मोड़, शिकोहाबाद रोड चौराहा, तहसील सदर ऐसे स्थान हैं जहां आधी सड़क तक ठेल-ढकेल, खरीदार और पैदल राहगीरों की भीड़ रहती है। ऐसे में वाहन लगभग राहगीरों से छूते हुए गुजरते हैं।

न तो ट्रैफिक सिग्नल न ही बूथ शहर की बड़ी विडंबना यह है कि शहर में कहीं भी ट्रैफिक सिग्नल नहीं हैं। लोग मनमाने ढंग से वाहन चलाते हैं। इससे न सिर्फ जाम लगता है, बल्कि हादसों की संभावना भी बढ़ जाती है। यही नहीं, यातायात संचालित करने के लिए पुलिसकर्मियों को अधिकांश चौराहों-तिराहों पर बूथ तक नहीं हैं। वे सड़क पर बीचोंबीच खड़े होकर यातायात संचालित करते हैं। जिससे उन्हें अधिक दूरी तक नजर आता है। साथ ही उनकी जान को भी खतरा बना रहता है। सड़क पर चलते हैं वर्कशाप जीटी रोड पर ओवरब्रिज से पहले, एटा क्लब के सामने, माया पैलेस चौराहा, अलीगंज रोड तिराहा, जेएलएन डिग्री कालेज के आसपास मोटर मिस्त्रियों ने वर्कशाप बना रखे हैं। जो सड़क पर ही चलते हैं। वाहनों को आधी सड़क घेरकर खड़ा कर लिया जाता है और इन पर घंटों तक मरम्मत होती है। अक्सर सड़क से गुजरते तेज रफ्तार वाहन, कोहरा, धुंध में इन खराब वाहनों से हादसों की आशंका बनी रहती है।

ब्लैक स्पाट और दो साल में हुए हादसे

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- पिलुआ कस्बा (जीटी रोड)

- मलावन कस्बा (जीटी रोड)

- सुन्ना नहर पुल (जीटी रोड)

- मानपुर (जीटी रोड)

- नगरिया मोड़ (जीटी रोड)

- भदवास अड्डा (जीटी रोड)

- कंगरौल (जीटी रोड)

- छछैना नहर पुल (जीटी रोड)

- आसपुर चौराहा (जीटी रोड)

- कुठिया (जीटी रोड)

- कमसान मंदिर (आगरा रोड)

- पवांस नहर पुल (अलीगंज रोड) शहर के अंदर हादसे के प्वाइंट

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- रेल ओवर ब्रिज

- रोडवेज बस स्टैंड

- घंटाघर-बाबूगंज मोड़

- मंडी समिति

- आगरा चुंगी

- रेलवे रोड चौराहा

- प्रेमनगर चौराहा

- शिवसिंहपुर तिराहा

- ठंडी सड़क सुरक्षा खामी

- ट्रैफिक सिग्नल नहीं

- कई स्थानों पर संकेतक नहीं

- ट्रैफिक पुलिस के पास उपकरण नहीं

- दिशा निर्देशों की सूचना पट्टिका नहीं सड़कों की खामियां

- गिट्टी के मानक में गड़बड़ी

- घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग

- सड़कों की निगरानी की उचित व्यवस्था नहीं

- समय पर मरम्मत न होना

सरकार के निर्देश पर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इन पर हादसों की वजह के अनुरूप साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टर, स्पीड ब्रेकर आदि का काम कराया जाना है। इसके लिए प्रस्ताव बनवाया जा रहा है। इसे शासन से मंजूरी और बजट मिलने पर काम शुरू करा दिया जाएगा।

- बचान सिंह शाक्य, टीएसआइ एटा


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