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काली पट्टी बांध कार्य बहिष्कार, सरकार के विरुद्ध भरी हुंकार

शिक्षक महासंघ के आह्वान पर शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 10:53 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 06:05 AM (IST)
काली पट्टी बांध कार्य बहिष्कार, सरकार के विरुद्ध भरी हुंकार
काली पट्टी बांध कार्य बहिष्कार, सरकार के विरुद्ध भरी हुंकार

एटा, जागरण संवाददाता : शिक्षक महासंघ के आह्वान पर शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर प्रस्तावित आंदोलन के तहत शिक्षकों ने सरकार के विरुद्ध हुंकार भरी। भले ही शिक्षामित्रों के आंदोलन से अलग रहने के कारण परिषदीय स्कूलों में तालाबंदी का मिला-जुला असर रहा, लेकिन माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों ने कार्य बहिष्कार कर आंदोलन में सहभागिता की। इस दौरान मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन में शिक्षक नेताओं ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पुरानी पेंशन बहाली व प्रेरणा एप आदि मांगों को लेकर शिक्षक सम्मान की लड़ाई को आगे भी लड़ने का एलान किया।

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शिक्षक महासंघ के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक संघ ने सामूहिक अवकाश लेकर तालाबंदी, वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ ने कार्य बहिष्कार कर काली पट्टियां बांध विरोध प्रदर्शन तय किया था। आंदोलन से पहले ही बेसिक शिक्षा विभाग ने जहां शिक्षामित्रों को स्कूल खोलने के निर्देश दिए। इसका असर कई क्षेत्रों में तालाबंदी को प्रभावी नहीं बना सका, लेकिन सैकड़ों शिक्षकों ने अवकाश पर रहकर आंदोलन में सहभागिता की। मुख्यालय पर एकत्रित हुए दोनों ही संगठनों के पदाधिकारी ने मांगों को उठाते हुए कहा कि अभी सरकार को चेताने का काम किया जा रहा है, जरूरत पड़ी तो आंदोलन और तेज होगा। प्रदर्शन में पहुंचे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि शिक्षकों के आंदोलन को जरूरत पड़ी तो अन्य राज्य कर्मचारी भी शामिल होकर समर्थन करेंगे, शिक्षकों की मांगें जायज हैं।

माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष रामलाल कुशवाह व जिलाध्यक्ष डा. ब्रजेश दीक्षित ने कहा कि पुरानी पेंशन सभी शिक्षकों की समस्या है। अब तक सरकार पेंशन बहाली को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। यहां तक कि शिक्षक विरोधी तमाम नीतियां बनाकर उत्पीड़न, शोषण किया जा रहा है। संगठन शिक्षकों के सम्मान की लड़ाई आगे भी लड़ता रहेगा। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राकेश चौहान ने कहा कि सरकार शिक्षकों के सम्मान के विरुद्ध प्रेरणा एप लागू करना चाहती है। उधर प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं। अंतरजनपदीय तबादलों में भी दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। संगठन शिक्षक हितों के लिए आगे भी लड़ाई लड़ेगा। धरना को विवेक प्रताप सिंह, नेम सिंह वर्मा, ओमेंद्र चौहान, शेर सिंह शाक्य, अशरफ हुसैन, यज्ञदेव भारद्वाज, धर्मेंद्र उपाध्याय आदि ने संबोधित किया। अंत में संगठनों के पदाधिकारियों ने एसडीएम अबुल कलाम को 17 सूत्रीय मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। इस दौरान आलोक वाष्र्णेय, संजय सिंह, शैलेंद्र तोमर, मुनेश सिसौदिया, अजय पाठक, ललित जादौन, सुशील चौहान, मुकेश शर्मा, डा. विनीता तिवारी, डा. मालती सिंह, विवेक गुप्ता, महेश बाबू आदि सैकड़ों शिक्षक मौजूद थे। इसके अलावा एटा, अलीगंज, राजा का रामपुर, जैथरा, जलेसर, अवागढ़, निधौली कलां, मारहरा आदि क्षेत्रों में इंटर कालेजों में शिक्षकों ने काली पट्टियां बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।


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